टीबी छूने से नहीं फैलता, इलाज से संभव है पूरी रिकवरी – डॉ. संधा

रेलवे मंडल स्वास्थ्य विभाग ने इंटर कॉलेज में चलाया टीबी जागरूकता अभियान
चक्रधरपुर। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन जागरूकता अभियान के तहत चक्रधरपुर रेलवे मंडल अस्पताल की ओर से गुरुवार को दक्षिण पूर्व रेलवे मिक्स्ड हायर सेकेंडरी स्कूल (इंग्लिश मीडियम) में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में चक्रधरपुर रेलवे मंडल अस्पताल की अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुष्मा अनिता संधा ने बताया कि टीबी कोई संक्रामक या छूआछूत की बीमारी नहीं है। यह पूरी तरह से इलाज योग्य है, बशर्ते मरीज पूरा इलाज कराए। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को उचित अस्पताल में इलाज कराना चाहिए और किसी तरह के अंधविश्वास या जादू-टोने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।
टीबी मरीजों के इलाज में लापरवाही न बरतें
डॉ. संधा ने कहा कि टीबी का अधूरा इलाज मरीज के लिए घातक हो सकता है और इससे बीमारी और गंभीर हो सकती है। उन्होंने बताया कि निरंतर तीन सप्ताह तक दवा लेने से संक्रमण फैलने की क्षमता लगभग खत्म हो जाती है। इसलिए, मरीज को दवा का कोर्स पूरा करना बेहद जरूरी है।

टीबी मुक्त भारत के लिए शपथ दिलाई
कार्यक्रम में डॉक्टरों ने 2035 तक भारत से टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को सफल बनाने के लिए सभी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को शपथ दिलाई। इस दौरान रेलवे मंडल अस्पताल के टीबी उन्मूलन अभियान प्रमुख एवं स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. एस. सोरेन के मार्गदर्शन में यह अभियान संचालित किया गया।
डॉ. राकेश तांडी (सहायक मंडल चिकित्सा अधिकारी) सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भी टीबी के प्रभाव, इसके शुरुआती लक्षण और संभावित मरीजों की जांच कराने की जानकारी दी।
7 फरवरी से 24 मार्च तक चलेगा जागरूकता अभियान
भारत सरकार के निर्देशानुसार, 7 फरवरी से 24 मार्च तक चलने वाले इस विशेष अभियान में स्कूली विद्यार्थियों को टीबी से बचाव और इलाज से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य, वरिष्ठ शिक्षक, शिक्षिकाएं एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारी भी उपस्थित रहे।





