सुकमा और दंतेवाड़ा की सरहद पर हुई मुठभेड़: हार्डकोर नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर निकले थे जवान, गोलीबारी के बाद भागे
छ्त्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सरहद पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। हालांकि, करीब 5 से 10 मिनट तक हुई इस गोलाबारी में नक्सली भाग निकले हैं। जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया है। मुठभेड़ की पुष्टि दंतेवाड़ा ASP आरके बर्मन ने किया ।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को सूचना मिली थी कि गोगुंडा के जंगल में नक्सली लीडर जगदीश समेत उसके साथी मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर दंतेवाड़ा और सुकमा इन दोनों जिलों से संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया गया था। जब जवान नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंचे तो माओवादियों ने फायर खोल दिया। जिसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाला और नक्सलियों की गोलियां का जवाब दिया।
करीब 5 से 10 मिनट तक रुक-रुककर गोलीबारी हुई। जिसके बाद जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली घने जंगल की आड़ लेकर भाग निकले। जवानों ने सर्च ऑपरेशन भी चलाया। दंतेवाड़ा के ASP आरके बर्मन ने बताया कि सारे जवान लौट आए हैं। नक्सलियों को कितना नुकसान हुआ है? मुठभेड़ में क्या सफलता है? ये जवानों से बातचीत के बाद हो पता चलेगा।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में इस साल 1 जनवरी से 5 नवंबर तक पुलिस और नक्सलियों के बीच कुल 96 मुठभेड़ हुई है। इन 309 दिनों में अलग-अलग जिलों में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 9 करोड़ 72 लाख रुपए के कुल 189 नक्सलियों को ढेर किया है। इनमें 5 DKSZC (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी) कैडर के भी नक्सली शामिल हैं।
मारे गए नक्सलियों से पुलिस ने AK-47, SLR और इंसास जैसे कुल 207 हथियार भी बरामद किए हैं। ये हथियार नक्सलियों ने अलग-अलग मुठभेड़ों के बाद जवानों से ही लूटे थे। राज्य गठन होने के बाद बस्तर के नक्सल इतिहास में यह पुलिस की सबसे बड़ी सफलता वाला साल रहा है।