
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर लोकार्पण और भूमिपूजन के जरिए जिले को मिली बड़ी योजनाएं
पुल, सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत
धरमजयगढ़। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धरमजयगढ़ प्रवास के दौरान रायगढ़ जिले को 62 करोड़ 36 लाख रुपये के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। इसमें 42 करोड़ 99 लाख रुपये की लागत से 45 कार्यों का लोकार्पण और 19 करोड़ 36 लाख रुपये की लागत से 70 कार्यों का भूमिपूजन शामिल रहा।

मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ 25 लाख 11 हजार रुपये की लागत से धरमजयगढ़ के पानीखेत से ऐडुकला मार्ग पर भेंगारी नाला पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग का उद्घाटन किया। इसी तरह, 6 करोड़ 39 लाख 6 हजार रुपये की लागत से लैलूंगा के पाकरगांव मार्ग पर खारून नदी पर पुल का लोकार्पण किया गया।
पेयजल आपूर्ति के लिए 28 करोड़ 53 लाख 29 हजार रुपये की लागत से खरसिया, लैलूंगा एवं धरमजयगढ़ क्षेत्र में सिंगल विलेज नलजल प्रदाय योजना, रेट्रोफिटिंग नल जल प्रदाय योजना और सोलर आधारित नलजल प्रदाय योजना का उद्घाटन हुआ। स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए धरमजयगढ़ के बहिरकेला और लैलूंगा के लमडांड में 75-75 लाख रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण किया गया।
विकासखंड घरघोड़ा के ग्राम कोनपारा में 7 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन और धरमजयगढ़ के उपकेन्द्र खडग़ांव में 1 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से सीएसपीडीसीएल 33/11 केवी, 3.15 एमव्हीए कार्य का शुभारंभ किया गया।
शिक्षा और छात्र कल्याण के लिए 13 करोड़ 28 लाख 36 हजार रुपये की लागत से पो.मै. आदिवासी बालक छात्रावास भवन का निर्माण सात स्थानों—धौराभांठा, तमनार, लैलूंगा, घटगांव, घरघोड़ा, बाकारूमा एवं धरमजयगढ़—में किया जाएगा। इसके अलावा 20 लाख 33 हजार रुपये से धरमजयगढ़ के स्थल कक्ष क्रमांक 643 आर.एफ. में वॉच टॉवर और 10 लाख 88 हजार रुपये से कक्ष क्रमांक 11 आर.एफ. कुमरता में पेट्रोलिंग कैंप का निर्माण होगा।
ग्रामीण विकास के तहत, धरमजयगढ़ विकासखंड की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 2 करोड़ 54 लाख 95 हजार रुपये की लागत से पुलिया, सीसी रोड, फुटवे, आरसीसी पुलिया, शेड, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन और मंगल भवन का निर्माण होगा। साथ ही लैलूंगा, धरमजयगढ़ और खरसिया विधानसभा क्षेत्रों में 3 करोड़ 22 लाख 22 हजार रुपये की लागत से 44 स्वास्थ्य केंद्रों के मरम्मत कार्यों का भूमिपूजन भी किया गया।





