छत्तीसगढ़

ठगी का ताना-बाना बुनकर करोड़ों की चपत, रंजीत चौहान आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ा

रायगढ़@अजय साहू :
सरकारी नौकरी और ठेका दिलवाने के नाम पर लोगों को झांसे में लेकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाला रंजीत चौहान आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के ग्राम डूमरपाली का निवासी रंजीत ने अपनी चालाकी और धोखाधड़ी के जाल से दर्जनों लोगों को ठगी का शिकार बनाया। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में आधा दर्जन से अधिक धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, जिनमें सरकारी नौकरी, निर्माण कार्यों के ठेके और एनजीओ की आड़ में ठगी के गंभीर आरोप शामिल हैं।

रंजीत ने पत्रकारिता के रास्ते अपने काले कारनामों की शुरुआत की थी। एक चैनल के माध्यम से उसने लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई और फिर ‘असीम कृपा फाउन्डेशन’ नामक एनजीओ स्थापित किया। इस एनजीओ और पत्रकारिता की आड़ में उसने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले लोगों को, बल्कि शासकीय विभागों में भी अपनी पैठ बनाकर ठगी का जाल बुनना शुरू किया। उसने सरकारी नौकरी और विभिन्न विभागों में निर्माण कार्यों के ठेके दिलवाने का लालच देकर कई लोगों से लाखों रुपये ऐंठे।

ठगी की लंबी फेहरिस्त
रंजीत की ठगी के शिकार लोगों ने जब अपनी रकम वापस मांगी, तो वह टालमटोल करता रहा। पीड़ितों के दबाव बढ़ने पर एक-एक कर कई लोग सामने आए और थानों में शिकायत दर्ज कराई। चक्रधरनगर थाने में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण ठेके के नाम पर ठगी का मामला दर्ज है। इसके अलावा कोतवाली थाने में भी धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध है। घरघोड़ा के टेंडा नावापारा की एक वृद्धा से वृद्धाश्रम में रखने के नाम पर 1.10 लाख रुपये और ग्रामीण बैंक में भर्ती के नाम पर 11 लोगों से 44 लाख रुपये ठगने का सनसनीखेज मामला भी सामने आया है। रंजीत की ठगी की यह लंबी फेहरिस्त अब पुलिस जांच में परत-दर-परत खुल रही है।

पुलिस की सतर्कता से गिरफ्तारी
एफआईआर दर्ज होने के बाद रंजीत चौहान गिरफ्तारी के डर से फरार हो गया था। वह अलग-अलग शहरों में छिपकर पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस और सायबर सेल की टीम ने लगातार उसकी तलाश जारी रखी। मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने और खोजबीन के बाद आखिरकार पुलिस ने रंजीत को धर दबोचा। उसकी गिरफ्तारी से ठगी के शिकार लोगों में राहत की लहर है।

पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब रंजीत से पूछताछ में जुटी है ताकि उसके ठगी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। यह भी जांच का विषय है कि क्या रंजीत ने इस गोरखधंधे में और लोगों को शामिल किया था। ठगी के शिकार लोग अब इंसाफ और अपनी रकम वापसी की उम्मीद में हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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