छत्तीसगढ़

स्कायरिच हायर सेकेंडरी स्कूल में मातृ सम्मेलन का भव्य आयोजन

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उदयपुर स्थित स्कायरिच हायर सेकेंडरी स्कूल में मातृ सम्मेलन का भव्य एवं प्रेरणादायक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती राधा रवि (जिला पंचायत सदस्य) एवं विशिष्ट अतिथियों श्रीमती रैमुनिया करियाम (जिला पंचायत सदस्य), श्रीमती कल्पना भदोरिया, श्रीमती शुभ्रा सिंह, श्रीमती सुमन सिंह, श्रीमती शांति राजवाड़े, श्रीमती कृतिका सिंह (सरपंच, केदमा), श्रीमती प्रमिला पोर्ते, श्रीमती शीला अग्रवाल, श्रीमती सविता गुप्ता, सुश्री वुतकुवर (ब्रह्माकुमारी), सरपंच संघ अध्यक्ष श्री प्रदीप सिंह, प्रबंधक श्री श्यामाचरण गुप्ता एवं प्राचार्य श्री राम प्रसाद गुप्ता द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष मंगलदीप प्रज्वलन कर किया गया।

अतिथियों का स्वागत तिलक, श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ से किया गया। विद्यालय की नन्ही बालिकाओं द्वारा सुमधुर स्वागत गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भावविभोर कर दिया गया।

कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य श्री राम प्रसाद गुप्ता ने कहा कि शिक्षा बालक के सर्वांगीण विकास की वैचारिक प्रक्रिया है, जिसमें मां की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। परिवार एवं कुटुंब में संस्कारक्षम वातावरण निर्माण में मातृशक्ति के योगदान को उन्होंने विस्तार से रेखांकित किया और उपस्थित माताओं-बहनों से सारगर्भित विचार साझा करने का आग्रह किया।

सम्मेलन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं की माताओं सहित लगभग 400 माताओं की सहभागिता रही। मंच एवं सभा स्थल पर उपस्थित माताओं ने विषय पर अपने अनुभव और विचार साझा किए।

मुख्य अतिथि श्रीमती राधा रवि ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण परिवारों में बढ़ती दूरियां, तनाव एवं संवेदनहीनता का प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है, ऐसे में माताओं को विशेष सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ बच्चों का मार्गदर्शन करना चाहिए।
प्रबंधक श्री श्यामाचरण गुप्ता ने कहा कि एकल परिवार की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच समाज एवं संस्कृति की रक्षा के लिए बच्चों में संस्कारयुक्त विचारों का समावेश आवश्यक है।


श्रीमती रैमुनिया करियाम ने परिवार को सुदृढ़ बनाए रखने हेतु भोजन, भजन, भाषा, वेशभूषा, भवन एवं भ्रमण जैसे तत्वों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।

श्रीमती कल्पना भदौरिया ने भारतीय नारी को परिवार की आधारशिला, समाज की प्रेरणा एवं राष्ट्र की आत्मा बताया।
श्रीमती सुमन सिंह, श्रीमती सविता गुप्ता एवं श्रीमती शुभ्रा सिंह ने मां के संस्कारों, पारिवारिक सहभागिता, मोबाइल के संतुलित उपयोग, सामूहिक भजन एवं प्रकृति से जुड़ाव जैसे विषयों पर विचार रखे।
सरपंच संघ अध्यक्ष श्री प्रदीप सिंह ने कहा कि माता प्रथम गुरु होती है और बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों पर समय रहते मार्गदर्शन आवश्यक है।

कार्यक्रम में श्रीमती कृतिका सिंह, श्रीमती प्रमिला पोर्ते, श्रीमती ज्योति अग्रवाल, श्रीमती शीला अग्रवाल, श्रीमती अनीता अग्रवाल सहित अन्य वक्ताओं ने छत्रपति शिवाजी की माता जीजाबाई, पन्नाधाय, अहिल्याबाई, माता सीता आदि महान माताओं के उदाहरण प्रस्तुत कर बच्चों में संस्कार, अध्ययनशीलता एवं उत्तम नागरिकता विकसित करने पर बल दिया।

इस अवसर पर नन्हे छात्र-छात्राओं ने दुर्गा, काली, भगवान शिव, कृष्ण एवं सरस्वती की विविध वेशभूषाओं में प्रेरणादायक प्रस्तुतियां दीं। अपने बच्चों को डॉक्टर एवं इंजीनियर बनाने वाली विशिष्ट माताओं का सम्मान किया गया। माताओं के लिए खेलकूद एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। बच्चों द्वारा शांति पाठ, भोजन मंत्र, इंग्लिश प्रेयर, गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया गया।

कार्यक्रम में श्री भारत गुप्ता, श्री देव सिंह, श्री अजय रवी सहित अनेक गणमान्य नागरिकों एवं माताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। आयोजन की सफलता में श्रीमती अनीता वर्मा, श्रीमती अरुणि वर्मा, श्रीमती सोनू मानिकपुरी सहित विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षिका श्रीमती रुबीना अली ने किया तथा समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।

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