झारखंड

बंडामुंडा रेलखंड में हाथियों की सुरक्षा के लिए एआई सर्वे

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ट्रेनों की सुरक्षित आवाजाही की दिशा में बड़ा कदम

चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा रेलखंड में हाथियों की लगातार आवाजाही और ट्रैक पार करने के दौरान हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए रेलवे और वन विभाग की संयुक्त टीम ने एलीफेंट कॉरिडोर का सर्वे किया। टीम ने बंडामुंडा डी केबिन से ए केबिन तक डाउन और अप लाइन, डूमेरता से लाठीकटा के बीच समेत उन स्थानों का निरीक्षण किया, जहां हाथियों का आना‑जाना अधिक रहता है।​

रेलवे टेलीकॉम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित एआई कैमरे 2 किलोमीटर तक ट्रैक की स्पष्ट निगरानी कर सकेंगे, जबकि खुली व समतल जगहों पर इनकी निगरानी क्षमता 3 से 5 किलोमीटर तक रहेगी। अधिकारियों ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ट्रेनों की आवाजाही को सुचारू व सुरक्षित बनाना है, ताकि वन्यजीव संरक्षण और यात्री सुरक्षा दोनों लक्ष्य एक साथ पूरे हो सकें।​

इस परियोजना के तहत रेलवे ट्रैक किनारे विशेष सेंसर, हाई‑रेजोल्यूशन कैमरे और थर्मल इमेजिंग उपकरण लगाए जाने की योजना है, जो हाथियों की गतिविधियों का रियल‑टाइम डेटा कंट्रोल रूम तक भेजेंगे। कंट्रोल रूम में लगा एआई सॉफ्टवेयर इनपुट का तत्काल विश्लेषण कर लोको पायलट को अलर्ट जारी करेगा, जिससे समय रहते ट्रेन की गति कम कर किसी भी संभावित हादसे को टाला जा सकेगा।​

वन विभाग और दक्षिण पूर्व रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से लागू की जा रही यह तकनीक आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षित ट्रेन संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव मानी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, झारखंड के कई हाथी प्रभावित रेल खंडों में इसी तरह के एआई‑आधारित इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम के सफल परीक्षण के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से विस्तार दिया जा रहा है।​

चक्रधरपुर रेल मंडल में इससे पहले भी एआई आधारित एलिफेंट इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम का ट्रायल किया जा चुका है, जिसके लिए गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा अभ्यारण्य से दो प्रशिक्षित हाथी मंगाकर परीक्षण किया गया था। दो दिनों तक चले इस ट्रायल के दौरान सिग्नल और टेलीकॉम विभाग की टीम ने अस्थायी कंट्रोल रूम व टेंट लगाकर सिस्टम की सटीकता, अलर्ट टाइमिंग और फील्ड डेटा को रिकॉर्ड किया, जिसके आधार पर अब बंडामुंडा रेलखंड में भी एआई तकनीक लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।​

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