राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एड्स नियंत्रण के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का 2 दिवसीय ध्यानाकर्षण प्रदर्शन-ज्ञापन देने उपरांत स्थगित किया गया
लंबित 27% वेतन-वृद्धि, नियमितीकरण सहित 18 बिंदु माँग के संबंध में ज्ञापन दिया गया
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त, पटरी पर लौटी राज्य/जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था
जिले के 550 से अधिक कर्मचारी हड़ताल में सम्मिलित हुए
सरकार को दिया अल्टीमेटम, शीघ्र मांगे नहीं मानी तो होगा उग्र आंदोलन
हमें भी हड़ताल का शौक नहीं, पर सरकार है-कि पिछले 01 साल से सुन ही नहीं रही है
पूरे राज्य में कर्मचारियों ने दी जॉइनिंग, कहा-देखें अब सरकार छत्तीसगढ़ की जनता और एन.एच.एम. कर्मचारियों के हित में क्या फैसला करती है??
ऐसे मौसम में, इन विकट परिस्थितियों में सरकार को भी समझना होगा, जन-मानस एवं कर्मचारियों की तकलीफों को
हम भी समझते हैं जनता की तकलीफों को, इसलिए सिर्फ दो-02 दिवसीय ध्यान-आकर्षण प्रदर्शन, अब सरकार एवं उच्च अधिकारी शीघ्र मांगो पर पहल करें
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उनके मांगों में एक-01 माह के अंदर कार्यवाही नही होने पर, अनिश्चित-कालीन आंदोलन करने की दी चेतावनी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी
एनएचएम हड़ताल से 75% प्रतिदिवस कार्य प्रभावित रहा—–
इस मौसम में शहरी स्वास्थ्य केंद्र में औसतन 120 से 140 मरीज रोज विभिन्न बीमारियों के आते हैं, वही हड़ताल दिवस 22 एवं 23 जुलाई को 20 से 30 मरीज का ही इलाज हो पाया। यहां चिकित्सक, स्टाफ, नर्स, फार्मासिस्ट सभी हड़ताल में सम्मिलित रहे। प्रतिशत में बात करें तो एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से 70% से 75% कार्य स्वास्थ्य विभाग का प्रभावित हुआ है।
यही हाल शहरी स्वास्थ्य केंद्रों का भी रहा, जहां आज 24 जुलाई से मरीजों की भीड़ देखने को मिली। मंगलवार को कई स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण कार्य लगभग शून्य रहा, जहां हुआ वहां भी पोर्टल में एंट्री नगण्य रही। इसी प्रकार चिकित्सकों द्वारा आंगनबाड़ी/स्कूलों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण उनकी जांच, उपचार, संदर्भन भी इन दो-02 दिवस प्रभावित रहा। आज हड़ताल समाप्ति पश्चात विभिन्न उप-स्वास्थ्य केंद्रों तथा आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्रों में भी मरीजों तथा परिजनों की खासी भीड़ दिखी।
बुधवार 24 जुलाई विभिन्न आयुष्मान केंद्रों में हेल्थ-मेला का आयोजन कर, बीपी/शुगर की जांच, मौसमी बीमारियों की जांच, उपचार, दवा वितरण तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व का आयोजन कर गर्भवती माता की जांच, उपचार, दवा-वितरण तथा संदर्भन भी किया गया। मलेरिया एवं डायरिया के मरीजों की जांच एवं उपचार भी समय रहते चालू किया गया है। इन सभी कार्यों के साथ-साथ सिकल सेल स्क्रीनिंग जांच/उपचार तथा आयुष्मान कार्ड का निर्माण भी किया गया। समस्त ऑनलाइन एंट्री तथा एच.आई.वी. एड्स टेस्ट-जांच एवं काउंसलिंग कार्बी चालू कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य संबंधी सभी कार्यों के सुचारू रूप से संपादित होने से जनता ने भी राहत की सांस ली है।
रायगढ़ : 24.07.2024. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का अपने लंबित 27% वेतन वृद्धि, नियमितीकरण सहित 18 बिंदु मांग को लेकर दो-02 दिवसीय ध्यान-आकर्षण प्रदर्शन रायपुर के तूता-धरना स्थल में किए हैं, ज्ञात होगी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एंव एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मी अपने लंबित मांगों को लेकर लगातार सरकार का ध्यान केंद्रित करते आ रहे हैं।
19 जुलाई 2023 के अनुपूरक बजट में राज्य के समस्त विभागों के 37,000 संविदा कर्मचारियों के लिए बजट में 350 करोड़ रूपये का वार्षिक बजट में, उक्त कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि का प्रावधान किया गया था, जो कुछ विभाग को ही प्राप्त हुआ है, जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को आज तक नही मिला है।
उक्त मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लगातार मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य-मंत्री सहित प्रशानिक अधिकारियों को 24 बार से भी ज्यादा विभिन्न मंत्रियों/ विधायकों/सांसदों को ज्ञापन/आवेदन एवं निवेदन दे चुके हैं।
प्रांताध्यक्ष डॉ.अमित कुमार मिरी ने बताया कि संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का कुछ गैर वित्तीय मामला भी हैं जो बिना बजट के किया जा सकता हैं। शासन से अतिशीघ्र पूर्ण करने की माँग किया गया।
बताया गया कि मध्यप्रदेश, मणिपुर, हरियाणा, राजस्थान में संविदा कर्मियों का नियमितीकरण एंव 62 वर्ष की जॉब की सुरक्षा सहित मेडिकल अवकाश ,अनुकंपा नियुक्ति मिल चुका हैं।
छत्तीसगढ़ के लगभग 16 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी तूता-धरना स्थल में दो-02 दिनों से लगातार सभी जिले लगभग 16000 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मी धरना-प्रदर्शन कर, अपने उक्त माँग को शासन के पास रखने प्रदर्शन कर रहे हैं।
आज आंदोलन के अंतिम दिन 23 जुलाई को भारी बरसात में भी संविदा स्वास्थ्य कर्मी विधानसभा घेरने गए थे, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था किया गया था, संविदा स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बड़ी संख्या में अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रमुख 18 सूत्रीय मांगे-–
नियमितीकरण, एनएचएम कर्मचारियों का पे-स्केल/ग्रेड-पे निर्धारण, लंबित 27% वेतन वृद्धि का भुगतान, विभिन्न पदों में वेतन विसंगति, सेवा पुस्तिका निर्धारण कार्य-मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता, वेतन पुनरीक्षण, तबादला व्यवस्था में अनियमितता, चिकित्सा परिचर्या, अवकाश नियम में बदलाव, अनुकंपा नियुक्ति, पदोन्नति का प्रावधान तथा भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों को नियमित पाठ्यक्रम की बाध्यता से छूट, अनुकंपा अनुदान राशि में वृद्धि, कार्य आधारित मूल्यांकन में रुके 5% वेतन वृद्धि का भुगतान, चिरायु योजना के तहत कार्य कर रहे एम एल टी के वेतन विसंगति, ई पी एफ का लाभ, मुख्यालय निवास नियम में बदलाव, शासकीय आवास का आवंटन।