छत्तीसगढ़

आटोमेटिक टेरीटोरी सिगनल सिस्टम के तहत मंडल में सुरक्षित चल रही है ट्रेनें- चौधरी 

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पुश पुल इंजन लगे होने कारण ट्रेनों के एक ही दिशा में चलने के बाबजूद लोगों को लगता है ट्रेनें आमने सामने आ गई

एन वर्क समाप्त होते ही समय पर चलेगी ट्रेनें


चक्रधरपुर । चक्रधरपुर रेल मंडल में आटोमेटिक टेरिटोरी सिगनल सिस्टम के तहत ट्रेनों का परिचालन होता है। कभी भी ट्रेनों के आमने सामने आने की नौबत नहीं आती है। यह बात आज चक्रधरपुर रेल मंडल में वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक आदित्य कुमार चौधरी ने कहा। आज वे पत्रकारों से बातचीत करते हुए चक्रधरपुर रेल मंडल में सुरक्षित ट्रेन परिचालन सबंधी जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि रेलवे की ओर से सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए आटोमेटिक सिगनल टेरिटोरी सिस्टम लागू किया गया जिसमें ट्रेनें पटरी पर एक ही दिशा में में चलती है। कभी कभी कई ट्रेनों में बैकिं ग लोको (इंजन) लगता है।

गूड्स ट्रेन में आगे लिडिंग लोको लगता है जिसमें दो पुल इंजन लगा रहता है। चांडिल रेल खंड में ओटोमेटिक टेरीटरी सिगनल सिस्टम लगा है जो सुरक्षित ट्रेन परिचालन का सूचक है। कई ट्रेनों के पीछे पुशिंग लोको लगाया जाता है। जिसे पुश-पुल ट्रेन कहा जाता है। चांडिल रेल खंड में आटोमेटिक सिगनल सिस्टम से ट्रेनें एक ही दिशा में  चलती है मंडल में ज्यादा ट्रेनों के परिचालन के कारण पटरी पर एक के बाद एक ट्रेनें रेलवे के तकनीकि सिगनल सिस्टम और नियमानुसार एक ही दिशा में परिचालन होता है लेकिन लोगों को लगता है कि ट्रेनें आमने सामने आ गई है। कभी भी पटरी पर आमने सामने ट्रेनें नहीं आती है और दुर्घटना की संभावना होती है।

एनआई कार्य समाप्त होते ही समय पर चलेगी ट्रेनें

चक्रधरपुर रेल मंडल में ट्रेनों की लेटलतीफी की शिकायत है। मौजूदा समय में राउरकेला बंडामुंडा, झारसुगुड़ा आदि स्टेशनों में एनआई कार्य चल रहा है जिसके समाप्त होते ही ट्रेनें समय पर चलना शुरु हो जाएगा। कुछ छोटे छोटे एनआई वर्क लंबित है जिन्हें जल्द से जल्द पूरा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। टाटानगर में प्लेटफार्म की कमी है। मौजूदा समय में टाटानगर से होकर ज्यादा ट्रेनें चल रही है। स्टेशन के प्लेटफार्मो से एक के बाद एक ट्रेनों को पास कराने में समय लग रहा है। जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक श्री चौधरी ने कहा कि सलगाझुड़ी में अलगे महीने तक एनआई कार्य शुरु हो जाने की संभावना है और इसके पूरा होते ही ट्रेनें समय से चलेगी।  चौधरी ने कहा कि मंडल में लगभग डेढ़ साल से रेल पटरियों और स्लीपर बदलने का काम किया गया है कुछ बाकी है जिसका काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

कुहासा एवं पटरियों पर हाथियों के विचरण के कारण भी ट्रेनों के परिचालन पर समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि कुछ संरचनाओं एवं आपरेशनल कंस्ट्रेंट के कारण ट्रेनों के लेट लतीफी की समस्या आ रही है हमलोग इसके लिए डटकर काम कर रहें जल्द जल्द सारी समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।

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