चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में सीबीसी मशीन का उद्घाटन,

मरीजों के रक्त की 30 से ज्यादा कंटेंट की होगी जांच,
मेरिल डायग्नोस्टिक प्रा. लिमिटेड के द्वारा स्थापित किया गया मशीन
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) मशीन का उद्घाटन सोमवार को अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अंशुमन शर्मा एवं वरीय चिकित्सक डा. जे जे कंुडू ने संयुक्त रुप से फीता काटकर किया। झारखंड स्वास्थ्य परियोजना के तहत मेरिल डाईग्नोस्टिक प्रा. लिमिटेड कंपनी के द्वारा स्थापित इस सीबीसी स्र्माट मशीन से रक्त का संपूर्ण कंटेंट की जांच की जाएगी। मुख्य रुप से डब्ल्युबीसी, न्यूट्रोफिल, मोनोसाईट, लेंफोसाईट, इस्नोफिल, बोसोफिल, आरबीसी, हीमोग्लोबिन, एमसीबी,आरबीसी, हिमेटोक्रिट, एमसीएच, एसडी ऑफ आरडी डब्ल्यु सहित लगभग तीन दर्जन से ज्यादा रक्त के कंटेंट की जांच की जाएगी।

आज इस उद्घाटन समारोह में मुख्य रुप से अनुमंडल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा प्रभारी डा. अंशुमन शर्मा, वरीय चिकित्सक डा. जेजे कुंडू, मेरिल डाईग्नोस्टिक प्रा. लिमिटेड के कोर्डिनेटर आकाश कुमार, लैब टेक्नीशियन जगन्नाथ प्रसाद महतो, मनोज कुमार, र्क्लक पवन कुमार, सुनिता कुमारी, मौसमी, लेब टेक्नीशियन भुवनेश्वर प्रधान सहित बड़ी संख्या में अस्पताल के कर्मी नर्स, पारा मेडिकल स्टॉफ इत्यादि मौजूद थे।
अनुमंडल अस्पताल में लगातार सुविधाओं का ईजाफा हो रहा है। पहले अस्पताल में हिमोग्लोबिन, मलेरिया की ही जांच होती थी। आरबीसी, डब्ल्युबीसी और प्लेटलेट्स आदि की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों के पैथलैब से इसका परीक्षण कराना पड़ता था जिससे उन्हें गंभीर आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता था। यहां तक की गरीब तबके के लोगों को काफी दिक्कत होती थी। इस मशीन के स्थापित हो जाने से अब मरीजों को अनुमंडल अस्पताल में ही नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

क्या है सीबीसी मशीन के फायदे?
सीबीसी अथवा (कंप्लीट ब्लड काउंट) मशीन से मरीजों के रक्त सबंधित सभी प्रकार की बिमारियों का परीक्षण किया जा सकेगा। इसके लिए उन्हें चक्रधरपुर के निजी अस्पतालों में निर्भर रहना नहीं पड़ेगा। निजी पैथलैब में इन परीक्षणों के लिए मरीज को हजारों रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब इस मशीन के लग जाने से अस्पताल में नि:शुल्क जांच हो जाएगी। बतातें चले कि अनुमंडल अस्पताल में केवल खून की कमी, मलेरिया आदि की ही जांच होती थी।

आरबीसी या प्लेटलेट्स की जानकारी नहीं मिलने पर डाक्टरों के द्वारा मरीजों को अन्यत्र अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता था। अब इस मशीन के यहां लग जाने से इन सभी की जांच की सुविधा अनुमंडल अस्पताल में ही उपलब्ध हो जाएगा। दरअसल डेंगू जैसी बीमारी में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक बढ़ने लगती है। वहीं कैंसर जैसी बीमारी में मरीज के शरीर से प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। इसके लिए परीक्षण की सुविधा अस्पताल में उपलब्ध नहीं होने से बाहर मरीजों को इसकी जांच कराने में काफी देर लग जाता था और बीमारी गंभीर होता चला जाता था। अब इसकी सुविधा अस्पताल में ही उपलब्ध हो जाने से मरीजों का ईलाज में काफी सहुलियत होगी।
अनुमंडल अस्पताल में अभी भी इन सुविधाओं का है टोटा
चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में बर्न यूनिट, ब्लड बैंक आवश्यक संख्या में चिकित्सक एवं कई बीमारियों के चिकित्सा विशेषज्ञ सहित डायलिसिस की सुविधाओं का टोटा है। तेजी से विकसित हो रहे चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल के लिए जहां सरकार की और से करोड़ो रुपयों की राशि खर्च की जा रही है वहीं अस्पताल में कई अनुसंगिक सुविधाओं का टोटा अभी भी बरकार है।

मौजूदा समय में बंढ़ती महंगी चिकित्सा व्यवस्था में अनुमंडल अस्पताल में सीबीसी मशीन के स्थापित हो जाने से यहां के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। बाहर में इस मशीन से जांच पर प्रत्येक व्यक्ति की जांच शुल्क कम से कम तीन सौ एवं इससे ज्यादा भी लिया जाता है लेकिन अनुमंडल अस्पताल में मरीजों के लिए यह जांच नि:शुल्क उपलब्ध होगा।
डा. अंशुमन शर्मा.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
अनुमंडल अस्पताल ,चक्रधरपुर





