छत्तीसगढ़

मानवता की मिसाल: जशपुर पुलिस ने परिवार से बिछड़ी मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती को दिलाया नया जीवन


🔹 जशपुर पुलिस ने संवेदनशीलता और सेवा भावना का परिचय देते हुए एक वर्ष से अधिक समय से परिवार से बिछड़ी मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती को उपचार उपरांत सकुशल परिजनों से मिलवाया।
🔹 युवती की पहचान बलरामपुर जिले के राजपुर क्षेत्र की निवासी के रूप में हुई।

जशपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह को दिनांक 11 जुलाई 2025 को सूचना प्राप्त हुई कि चौकी दोकड़ा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रेवड़ा के जंगल मार्ग के पास सड़क किनारे एक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला अत्यधिक पीड़ा में है और न तो चल-फिर पा रही है, न ही बोलने की स्थिति में है।

एसएसपी श्री सिंह ने तुरंत चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अशोक यादव को निर्देशित किया कि महिला को प्राथमिक उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया जाए और उसके परिजनों की जानकारी जुटाई जाए।

चौकी दोकड़ा से तत्काल टीम रवाना की गई जिसमें शामिल थे:

प्र.आर. 128 प्रदीप लकड़ा

आर. 719 कुलकांत हंसदा

आर. 563 शशिकांत टोप्पो

महिला आर. 700 राजकुमारी पैकरा

टीम ने महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार पहुंचाया जहां उसका समुचित इलाज कराया गया। इसके साथ ही, पुलिस ने महिला की पहचान के लिए सोशल मीडिया, आस-पास के थानों और सीमावर्ती जिलों में सूचना प्रसारित की।

सूचना के आधार पर पता चला कि युवती का नाम कु. मंजूषा कुजूर, पिता बृजमोहन कुजूर, निवासी ग्राम चौरा, थाना राजपुर, जिला बलरामपुर है। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना राजपुर में गुम इंसान क्रमांक 14/2024 दिनांक 23 फरवरी 2024 को दर्ज थी।

राजपुर थाना पुलिस के सहयोग से युवती के परिजनों से संपर्क किया गया। पुष्टि होने पर युवती को दिनांक 13 जुलाई 2025 को उसके परिजनों को विधिवत सुपुर्द कर दिया गया।

एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह ने इस कार्य को मानवता व जनसेवा की मिसाल बताते हुए कहा कि “इस प्रकार की पहलें पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करती हैं।” इस सराहनीय कार्य हेतु दोकड़ा पुलिस टीम के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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