झारखंड

दिव्यांग नाबालिग को गर्भवती करने के मामले पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

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उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को दिया चार सप्ताह के भीतर कार्यवाई पीड़िता का शिक्षा स्वास्थ्य आश्रय और पुनर्वास सुनिश्चित कराने का आदेश

चक्रधरपुर। चाईबासा के मुफस्सिल थाना के अंतर्गत एक गांव में रहने वाली 12 वर्षीय दिव्यांग नाबालिग को उनके ही चाचा के द्वारा दुष्कर्म करने और बाद में उसके गर्भवती हो जाने पर उसके चाचा द्वारा उसे घर से निकाल दिए जाने की खबर पर पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली ने पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पीड़िता का चार सप्ताह के भीतर पीड़िता के मामले जांच, शिक्षा,आश्रय और पुनर्वास सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है।

दैनिक अखबारों में खबर छपने पर राष्ट्रीय मानवावाधिकार आयोग ने इसका संज्ञान लिया है। आयोग के आदेश पर उप रजिस्ट्रार ( कानून) श्री के के श्रीवास्तव ने इस मामले पर पुलिस अधीक्षक चाईबासा को चार सप्ताह का समय दिया गया है की वो इस मामले पर जल्द कार्रवाई करे। वही उपायुक्त चाईबासा को पीड़ित नाबालिग लड़की के लिए पुनर्वास सुनिश्चित करने उसके लिए उचित दवा की व्यवस्था करने आश्रय व बेहतर शिक्षा की व्यवस्था कराने का आदेश दिया है।

साथ ही आयोग ने चार सप्ताह के भीतर सारी रिपोर्ट आडियो वीडियो की भी मांग की है। इस मामले को मानवाधिकार आयोग तक पहुंचाने वाले मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ता बैरम खान ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं सामाज को दूषित कर रही है। आयोग के तत्काल कार्रवाई से नाबालिग पिड़ित दिव्यांग गर्भवती लड़की को उसकी जिंदगी में जीवन यापन हेतु मदद मिलेगी। उन्होंने उपायुक्त चाईबासा और पुलिस अधीक्षक चाईबासा से मांग किया है कि दोषी व्यक्ति को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट पर सुनवाई करके जल्द से जल्द सजा सुनिश्चित कराएं।

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