छत्तीसगढ़

नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट में रबिंद्र नजरुल संध्या का आयोजन, देर शाम तक दर्शकों ने उठाया रबिंद्र नजरुल संगीत और नृत्य का लुत्फ,

4 संगीत दलों सहित 52 कलाकारों ने दी भव्य प्रस्तुति चक्रधरपुर । चक्रधरपुर रेलवे क्षेत्र स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट के तत्वाधान हर साल की भांति इस साल भी रविवार शाम को रविन्द्र नजरुल संध्या का आयोजन किया गया। इस नृत्य संगीत संध्या का उद्घाटन इंस्टीट्यूट के संयोजक चितरंजन मित्र ने किया। नजरुल नृत्य संगीत संध्या में महाकवि रविन्द्र नाथ टैगोर और काजी नजरुल इस्लाम के द्वारा रचित संगीत का गायन किया गया।

समारोह का प्रारंभ रवींद्र संगीत के साथ हुआ जिसमें यंत्रनुसंग टीम में तबला में आशीष दास, कीबोर्ड में रामू शर्मा, गिटार में देवप्रिय चौधरी और पार्केशन की भूमिका राजेश कुमार ने निभाई । इसकें बाद सिलसिलेवार ढंग ने तपन दास ग्रुप, समीर मुखर्जी, संगीता राय और बापन चौधरी के ग्रुप के द्वारा रविन्द्र नजरुल संगीत प्रस्तुत किया गया। इस समारोह में कुल 52 कलाकारों ने रवींद्र नजरुल संगीत के साथ साथ एकल नृत्य संगीत प्रस्तुत कर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मन मोह लिया।

इंस्टीट्यूट के सदस्य बापा चौधरी के मंच संचालन में आयोजित समारोह में मुख्य रूप से एकल नृत्य संगीत में कामलिका, वैष्णवी, उत्कलिका, रिशा, रुमेला,मौलिका, संपूर्णा इत्यादि ने सुंदर नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया और उन्हें ताली ठोकने पर मजबूर कर दिया। इंस्टीट्यूट के सभागार में रंगीन माहौल में देर शाम तक चले इस संगीत संध्या के अंतिम प्रहर में समीर मुखर्जी और रितिका के द्वारा प्रस्तुत सोलो संगीत दर्शको का आकर्षण का केंद्र बना।

इस संगीत संध्या में अन्यों में से मौली भट्टाचार्य, ओईशी दत्ता, शुभमिता, श्रेया, अनिका, बारखा, तारा, किंजना, विनीत, गिरीश,मानव, महुआ, प्रतिष्ठा, रतन,श्रेया दत्ता, रितु कौर,सोमा घोष,शांतनु घोष, संगीता डोली,अंकिता, दीपा घोषाल, सूचिस्मिता,पुतुल विश्वास,सुप्रिया मुखर्जी,चैताली विश्वास,कृष्णा मित्र,सुशांत मुखर्जी सहित बड़ी संख्या में बंग समाज के लोग शामिल हुए।

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