छत्तीसगढ़

कोयला खदान के खिलाफ पुरूँगा में जन आंदोलन, बैठकों का दौर शुरू

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अडानी ग्रुप मेसर्स अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड पुरुंगा कोल खदान की जनसुनवाई को लेकर ग्रामीणों का लगातार विरोध हमने समाचार के माध्यम से जनता तक पहुंचाया है जिसके लिए ग्रामीणों के साथ दिन हो या रात समय की परवाह ना करते हुए कुछ पत्रकार खड़े रहें और जनता की आवाज लोगों तक पंहुचाते रहें जिसका नतीजा आज जनसुनवाई स्थग्न सबके सामने मौजूद है।

जनसुनवाई निरस्त करवाने ग्रामीणों ने खूब लड़ाई लड़ी और ग्रामीण कलेक्टरेट रायगढ़ तक पहुंच अपनी मांग रखने से नहीं घबराए उस वक्त के हालत ऐसे थे प्रशासन ने कलेक्टोरेट के बाहर कड़ी बैरिकेटिंग कर ग्रामीणों को अंदर प्रवेश से तो रोक दिया पर ग्रामीणों का विरोध देर रात तक जारी रहा। रात भर ग्रामीण वहीं डटे रहे, और खुले आसमान के नीचे भोजन बनाकर 30 घंटों से अधिक समय धरना पर बैठे रहें।

अंत में निराश ग्रामीण देर शाम घर लौटे, पर आंदोलन थमा नहीं। उसके बाद नाराज ग्रामीणों ने पूरे प्रभावित क्षेत्र कों अभेद किले में बदल दिया जिसे भेदने में शासन-प्रशासन नाकाम रही और अंत में जनसुनवाई स्थग्न का आदेश आया। अब फिर से जनसुनवाई की सुगबुगाहट तेज हो चुकी है जिसको लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है।

इसी बीच जिंदल की जनसुनवाई कों देखते हुए आज 12 दिसंबर कों बैठक आयोजन की गई जिसमें प्रभावित गांव वालों ने आगे की रणनीति बनाते हुए चर्चा की है और आगे लड़ाई लड़ने का रूपरेखा तैयार किया गया है। वही ग्रामीण अब भी अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए है और कह रहें पर्यावरण कों बचाने के लिए हम कंपनी और सरकार से लड़ाई लड़ने को तैयार है।

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