छत्तीसगढ़

गायों की अनूठी बर्थ-डे पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल: 2000 किलो सब्जी और फलों की रंगोली बनाई, फिर 200 गायों को दी गई दावत

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गौ सेवा करने वाले एक युवा कारोबारी ने अपनी बर्थ डे पार्टी पर गायों को दावत दी है। मामला छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले का है। गायों के लिए पिकअप ट्रक में दावत का सामान लाया गया। घंटों की मेहनत के बाद इसे सजाया गया।

गायों को लाया गया और दावत का अनूठा दृश्य कखैरागढ़ के रहने वाले चमन डाकलिया ने अपने जन्मदिन पर मनोहर गौ शाला में इसके जरिए गौ सेवा करने का मैसेज दिया।

इस माैके पर 2000 किलो सब्जी और फलों का इस्तेमाल किया गया है। 8 घंटे की मेहनत से कलाकारों ने एक विशाल रंगोली इन सब्जियों से तैयार की। सब्जी के रंगों से इसे सजाया गया। 200 गायों ने इसके बाद सब्जी और फल खाए।

गायों के लिए बनी सब्जी की रंगोली।

गायों के लिए बनी सब्जी की रंगोली।

100 राेटियों से शुरुआत चमन ने बताया- मैं 9 साल से ऐसा कर रहा हूं। शुरुआत में मैंने 100 रोटियां बनाकर गायों को खिलाई थीं। इसके बाद कभी गुड़ की रोटी कभी लापसी तैयार करवाई। ड्राय फ्रूट की दावत भी गायों को दे चुका हूं। मनोहर गौ शाला की की शुरुआत करने वाले पदम डाकलिया से इंस्पायर होकर हमने ये किया है।

इस गौ-शाला में है कामधेनू गाय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर खैरागढ़ है, जहां एक अनोखा कामधेनु मंदिर है। यहां कामधेनु मंदिर में एक गाय है, जिसका नाम है सौम्या। सौम्या का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है, क्योंकि उसकी पूंछ 54 इंच लंबी है। इसे देखने दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं।

पूर्व राज्यपाल ने कामधेनू गाय की पूजा की थी।

पूर्व राज्यपाल ने कामधेनू गाय की पूजा की थी।

गौ शाला के संचालक पदम डाकलिया बताते हैं कि शास्त्रों में समुद्र मंथन का जिक्र मिलता है, उसमें जो गाय मिली वो कामधेनू गाय ही थी। खैरागढ़ में मौजूद सौम्या गाय शरीर पर देवी-देवताओं के ऐसे कुछ प्रतीक चिह्न हैं, जिसके कारण इन्हें लोग साक्षात कामधेनु माता मानते हैं। लोग इनके पास अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। पदम इस गौ शाला में गोबर और गौ मूत्र के मेडिसिन वैल्यू पर रिसर्च कर प्रोडक्ट भी तैयार करते हैं। अनोखी गाय से जुड़ी खबरें तीन सौ गायों को पालती है खैरागढ़ की ये कामधेनु:दिव्य प्रतीकों वाली गाय का नाम गोल्डन रिकॉर्ड बुक में है शामिल, इस कामधेनु पर चढ़ावे से बाकी गायों का निकलता है खर्च

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर खैरागढ़ है, जहां एक अनोखा कामधेनु मंदिर है। कामधेनु मंदिर में एक गाय है, जिसका नाम है सौम्या। सौम्या का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है, क्योंकि उसकी पूंछ 54 इंच लंबी है। इसके अतिरिक्त इसके शरीर पर देवी-देवताओं के ऐसे कुछ प्रतीक चिह्न हैं, जिसके कारण इन्हें लोग साक्षात कामधेनु माता मानते हैं। लोग इनके पास अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और मनोकामना पूर्ण होने पर जब लोग चढ़ावा चढ़ाते हैं, उससे यहां रहने वाली तकरीबन 300 गायों का खर्च निकल जाता है। पढ़ें पूरी खबर

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