झारखंड

चपल सुख के पीछे न भाग कर चीर आनंद प्राप्ति का मार्ग खोजें- गौरधाम दास इस्कॉन केंद्र में हुआ भागवत गीता पाठ और प्रशिक्षण

चक्रधरपुर। रेलवे अकाउंट्स कॉलोनी स्थित श्री श्री हरे कृष्ण संकीर्तन प्रचार समिति (इस्कॉन) के भागवत गीता पाठ प्रशिक्षण कार्यक्रम में रविवार को मायापुर धाम के संकीर्तन प्रमंडल प्रमुख प्रभु गौरधाम दास ने भागवत कथा वाचन करते हुए भागवत गीता तथा अन्य पौराणिक तर्क के साथ जीवन के उद्देश्यों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की जीवन कमल के फूल पर गिरा पानी की एक बूंद की तरह है कब गिर जाएगा कोई ठिकाना नहीं है। इस जीवन के मूल्य को पहचाने।

हम चपल सुख के पीछे भाग रहे है। चपल (क्षणिक) सुख दुखों की अनुपस्थिति का अनुभव है। उन्होंने कहा की हम भौतिक सुख के पीछे न भाग कर चीत आनंद या परम सुख प्राप्ति के मार्ग का अनुसरण करें। इसके लिए हमें प्रभु के शरण में जाना होगा। उन्होंने सनातन गोस्वामी और रूप गोस्वामी का जिक्र करते हुए कहा की समय के साथ साथ हमारा परिचय भी बदलता है। उन्होंने कहा की भगवान का परिचय नहीं बदलता है। हम भगवान के ही अंश है। उनमें जो गुण है हममें भी वह गुण है लेकिन हममें वह गुण कम है। उन्होंने कहा की भगवान की सेवा ही हमारे मुक्ति का द्वार है। इस लिए हमे प्रभु के शरण में जाना चाहिए।

प्रभु गौर धामदास ने कहा की हम सब सेवा के लिए यहां आए है। सेवा ही हमारा कर्तव्य है सेवा दो प्रकार का होता है। एक सेवा सेवा बंधन में बांधता है और एक सेवा मुक्ति का द्वार खोलता है। हमें कौन सा सेवा करना है हमें चुनना है। उन्होंने श्रील प्रभुपाद के वचन का जिक्र करते हुए कहा की हरि नाम से ही जीव का उद्धार हो सकता है।

इस लिए हम सब प्राणियों को हरि का नाम जप करना चाहिए। सर्वप्रथम उन्होंने वैष्णव गीत से कथा का प्रारंभ किया। इस अवसर पर सुबह केंद्र में पहुंचे नए भक्तों को भागवत गीता एवं नाम जप की महिमा के बारे में प्रभु मनोजित भटाचार्य और केंद्र के प्रमुख प्रकाश प्रभु ने जानकारी दी। साथ ही एक माला का जाप कराया। इसके पश्चात भगवान की आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीनिवास, संजय प्रभु,अन्नापूर्णा माता , भारती माता, दिव्या, पार्वती, सिंधु सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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