छत्तीसगढ़

दिव्यांग दिवस विवाद के बाद अब व्यवस्थाओं पर उठे गंभीर सवाल — मंच के सामने बिखरे तार से टली बड़ी अनहोनी

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सूरजपुर । अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस कार्यक्रम में हुए विवाद की चर्चा शांत भी नहीं हुई थी कि अब कार्यक्रम स्थल की अव्यवस्थाएँ सवालों के घेरे में हैं। रंगमंच मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के दौरान मंच के ठीक सामने बिजली के तार बिखरे पड़े रहे। भीड़ का लगातार आवागमन होने से किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन सौभाग्य से स्थिति नियंत्रण में रही। उपस्थित लोगों ने इसे “प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर मिसाल” बताया।

राज्य उत्सव में भी अव्यवस्था — लगातार दो कार्यक्रमों में प्रशासन की किरकिरी

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हाल ही में हुए राज्य उत्सव में भी प्रबंधन को लेकर कई असमंजस की स्थिति बनी थी। कार्यक्रम में भीड़ तो कम थी, लेकिन प्रशासनिक तैयारियों की कमी खुलकर उजागर हो गई थी, जिससे लोगों के बीच नाराज़गी की स्थिति बनी।
अब दिव्यांग दिवस कार्यक्रम में अव्यवस्था सामने आने के बाद लोगों का कहना है कि यह सिलसिला “संयोग नहीं, बल्कि लगातार ढिलाई” का संकेत है।

सांस्कृतिक प्रोटोकॉल की अनदेखी पर असंतोष

नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में सांस्कृतिक मर्यादा और परंपराओं का विशेष ध्यान रखा जाता है, लेकिन इस बार मंच संचालन से लेकर प्रोटोकॉल तक कई महत्वपूर्ण बिंदुओं की अनदेखी दिखाई दी। इससे प्रशासन की तैयारियाँ और अधिक संदेह के घेरे में आ गई हैं।

नोडल अधिकारी की भूमिका पर भी उठे प्रश्न — कर्मचारी बिना दिशा-निर्देश काम करते दिखे

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान ऐसा प्रतीत हुआ जैसे नोडल अधिकारी या तो मौजूद नहीं थे, या फिर कार्ययोजना पर नियंत्रण नहीं रख पाए।
कर्मचारी बिना समन्वय के काम करते दिखाई दिए, जिससे भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और दिव्यांग प्रतिभागियों की बैठने-उठने की सुविधा पर असर पड़ा।
मंच के पास बिखरे तार, अनियंत्रित भीड़ और व्यवस्थाओं के अभाव ने लोगों को खासा परेशान किया।

जनता का सवाल — “अगर राज्य स्तरीय आयोजन में यह स्थिति है, तो जिले में कैसे सुधरेगी व्यवस्था?”

लगातार दो बड़े कार्यक्रमों में अव्यवस्था उजागर होने के बाद प्रशासन की तैयारी और जिम्मेदारी को लेकर जनता गहरी चिंता व्यक्त कर रही है।
विशेषकर दिव्यांग दिवस जैसे संवेदनशील आयोजन में व्यवस्था का बिखरना लोगों के मन में कई सवाल छोड़ गया है।

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