रायगढ़

ग्राम तेलीकोट की धरती से कच्ची शराब बंदी अभियान का जोरदार आगाज

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इस बुराई के खिलाफ पूरा गॉंव हुआ एकजुट

पंचायत, युवाओं व महिलाओं की जागरूकता से लोगों में जगी आशा की नई किरण

नशामुक्त, स्वस्थ, शिक्षित, सुंदर गॉंव हर नागरिक का सपना

खरसिया | शहर से लगे हुए ऐतिहासिक गढ़ गॉंव तेलीकोट में आज वह महत्वपूर्ण क्षण आया, जब पूरे गांव ने नशे की जंजीरों को तोड़ने का संकल्प लिया।  

ग्राम पंचायत तेलीकोट में महिला समिति के द्वारा यादव मोहल्ला में शांति बैठक का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य विषय कच्ची शराब बंदी रहा। यह बैठक पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संपन्न हुई। इसके पश्चात महिलाओं ने पूरे ग्राम के विभिन्न मोहल्लों में रैली निकालकर नशा के खिलाफ नारेबाजी की।

युवा पंचायत प्रतिनिधियों से लैस सक्रिय पंचायत के सहयोग और मार्गदर्शन में आयोजित इस जन-जागरण सभा में युवाओं, महिलाओं, बुद्धिजीवियों और बुजुर्गों की भारी उपस्थिति रही।

उपस्थित जनसमूह ने यह दृढ़ संकल्प लिया कि अब ग्राम तेलीकोट में कच्ची शराब बंदी के लिए लगातार अभियान जारी रहेगा।सभा में उपस्थित युवाओं ने कहा कि नशा के सेवन से समाज की जड़ें खोखली हो जाती हैं। शराब से व्यक्ति का स्वास्थ्य तो नष्ट होता ही है साथ ही परिवार की खुशियों, बच्चों की शिक्षा और गांव की शांति को भी शराब की लत लील जाती है। शराब के कारण कई नई समस्याएं पैदा होती है। एक नशेड़ी पिता अपने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करता है। हमें इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ना ही होगा।

महिलाओं की सक्रियता इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बनी। गांव की महिलाओं ने घर-घर जाकर लोगों से नशा छोड़ने की अपील करने का संकल्प लिया।

सक्रिय महिलाओं ने एक स्वर में कहा कि, “हमने बहुत सहा है लेकिन अब नहीं। जब तक गांव का हर घर नशामुक्त नहीं होगा, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हमारी बेटियों और बच्चों का भविष्य अब शराब की बोतल में नहीं डूबेगा। शराब बनाने, बेचने व पीने के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।”

बैठक में युवाओं ने जागरूकता की मिसाल दिखाई जिसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। ग्राम के युवा पंचायत प्रतिनिधि ने कहा कि, “हम युवाओं को यह समझना होगा कि असली ताकत हाथों में शराब की बोतल नहीं, बल्कि शिक्षा और एकता में है। गांव तभी आगे बढ़ेगा, जब हर युवा अपनी जिम्मेदारी समझेगा। शराब का अभिशाप पूरे गॉंव को ले डूबेगा। हमें आने वाले अपने बच्चों की भविष्य का ख्याल रखना ही होगा और किसी भी तरह शराब बनाने, बेचने व पीने को प्रतिबंधित करना होगा।

इस बैठक में पंचायत की बड़ी भूमिका रही। ग्राम सरपंच ने सबकी इच्छा व सहयोग से शराबबंदी के संकल्प को दोहराया।

सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि, “पंचायत का उद्देश्य विकास कार्य के अलावा सामाजिक परिवर्तन लाना भी है। हमने यह तय किया है कि ग्राम पंचायत की बैठकों में अब कच्ची शराब बंदी पर विशेष चर्चा होगी। पंचायत इस अभियान को निरंतर जारी रखेगा।”बैठक में शिक्षा पर भी रौशनी डाली गई व हर नागरिक ने माना कि शिक्षा ही वह प्रकाश है जो अंधकार को मिटा सकती है। नशे का अंधेरा तभी खत्म होगा जब हर बच्चा शिक्षित और हर युवा सचेत होगा।

नशामुक्त तेलीकोट का सपना अब गांव की नई पहचान बन चुका है। सभा में यह सर्वसम्मति बनी कि एकता, जागरूकता और सहयोग से ही इस बुराई को खत्म किया जा सकता है। महिलाओं की टोली ने अंत में गांव का दौरा कर लोगों से नशा त्यागने की अपील की। महिलाओं ने माना कि हम सब मिलकर ही इस गांव को आदर्श ग्राम बना सकते हैं। जब पुरुष, महिला, युवा और बच्चे सब एक साथ आएंगे, तभी नशे का नामोनिशान मिटेगा।

बैठक में मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की सरपंच आरती मोनू, उप सरपंच आगास गणपत दास महंत, बीडीसी धनंजय बायल डीडीसी बलदेव कुर्रे, अरविंद बंजारे, युवराज बंजारे, अरूण कुर्रे, दिलीप महीष सहित समस्त पंचगण व बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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