छत्तीसगढ़

नक्सल प्रभावित आंतरिक क्षेत्रों के पुलिस कैंपों और थाना परिसरों में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया

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आजादी के 79वें वर्षगांठ पर नारायणपुर जिले के दुर्गम और नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित पुलिस कैंपों एवं थाना परिसरों में जवानों ने तिरंगा फहराकर देशभक्ति का जश्न मनाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के सरपंच, गायता, पटेल, पुजारी, महिला मंडल, युवाओं और बच्चों ने शामिल होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।



कार्यक्रम का आयोजन

आज सुबह जिला पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने एकत्र होकर राष्ट्रध्वज को सलामी दी। ध्वजारोहण का कार्य कैंप प्रभारी और थाना प्रभारी अधिकारियों के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सभी ने मिलकर राष्ट्रगान गाया और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।



जहां तिरंगा लहराना कभी चुनौती था, आज वहां है गर्व

नारायणपुर के आंतरिक कैंप  इरकभट्टी , कोड़ेलियर, गारपा, कनहारगांव, कुतुल, कडेमेटा,कड़ेनार, होरादी ,मसपुर, मोहंदी, रायनार , कच्चापाल, बेड़माकोटी, पदमकोट, कांदुलपार, पागुंड , नेलांगुर और थाने — ओरछा, धौड़ाई, फरसगांव, छोटेडोंगर, , कोहकामेटा , सोनपुर, कुरुषनार, धनोरा आदि स्थानों पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा गर्व के साथ लहराया गया। यह वही इलाके हैं जहां पहले नक्सली प्रभाव के कारण राष्ट्रीय ध्वज फहराना कठिन था, लेकिन आज यहां ग्रामीण और सुरक्षा बल एक साथ मिलकर आजादी का पर्व मना रहे हैं।



ध्वजारोहण के बाद बच्चों और युवाओं ने देशभक्ति गीत, नृत्य और कविताएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में महिलाओं ने पारंपरिक गीत और नृत्य के माध्यम से आजादी की खुशी व्यक्त की।



ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी

आसपास के गांवों के ग्रामीण, महिला समूह, विद्यालयों के छात्र, पंचायत प्रतिनिधि और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में सभी को मिठाई और नाश्ता वितरित किया गया।



“अबूझमाड़ में तिरंगा लहराना सिर्फ आजादी का प्रतीक नहीं, बल्कि यहां शांति, विकास और भाईचारे की नई शुरुआत है। सुरक्षा बल और ग्रामीण मिलकर अब इस क्षेत्र को नई पहचान दे रहे हैं।”

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