
शहीद परिवारों की पैरवी और जवानों के हक में उठी आवाज पर चुप्पी क्यों? रणबीर सिंह ने उठाए गंभीर सवाल
📝 नई दिल्ली
सरकार से सवाल — क्या जवानों की आवाज़ उठाना गुनाह है?
देशभर के अर्धसैनिक बलों और शहीद परिवारों के लिए संघर्षरत “एलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन” के महासचिव रणबीर सिंह का WhatsApp अकाउंट अचानक ब्लॉक कर दिया गया है। इस कदम ने हजारों पैरामिलिट्री जवानों और उनके परिवारों से उनका सीधा संपर्क तोड़ दिया है।
🔷 WhatsApp Block पर रणबीर सिंह का बयान — “क्या हमने देश की सेवा करने वालों की भलाई माँग कर कोई अपराध कर दिया?”
रणबीर सिंह ने कहा कि शहीद परिवारों को सम्मान देना, खटारा ट्रेन में सफर कर रहे जवानों के लिए आवाज उठाना, और पेंशन बहाली की माँग करना कोई अपराध नहीं है। “हमने हमेशा अनुशासन का पालन करते हुए शांति से अपनी बात रखी — फिर ऐसा कठोर कदम क्यों?”
🔷 10 वर्षों का शांतिपूर्ण संघर्ष — अब सवालों के घेरे में
रणबीर सिंह ने बताया कि पिछले एक दशक से जंतर मंतर, राजघाट, संसद मार्ग समेत देशभर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए। केंद्रीय मंत्रियों को ज्ञापन सौंपे गए, सोशल मीडिया के ज़रिए जवानों को संयम और अनुशासन में रहने की अपील भी की जाती रही।
“हमने जवानों के आदेश पालन को बढ़ावा दिया, फिर मेरी किस गलती के लिए WhatsApp ने मुझे ब्लॉक किया?” — रणबीर सिंह
🔷 सरकार की सराहना के बाद भी क्यों हाशिए पर अर्धसैनिक जवानों के मुद्दे?
रणबीर सिंह ने कहा कि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जवानों के पराक्रम की जमकर सराहना की थी। फिर क्यों जब इन्हीं जवानों की पेंशन बहाली, कल्याण बोर्ड गठन और जीवन सुधार की बात उठाई जाती है, तो ऐसे संघर्षकर्ताओं को ही चुप कराने की कोशिश होती है?
🔷 सोशल मीडिया पर जुड़ने की अपील
WhatsApp अकाउंट बंद होने के बाद रणबीर सिंह ने जवानों और उनके परिवारों से अपील की है कि वे ट्विटर और YouTube चैनल के माध्यम से उनसे जुड़े रहें।
“अगर अर्धसैनिक बलों के जवानों की भलाई के लिए आवाज़ उठाना गुनाह है, तो हम यह गुनाह बार-बार करेंगे!” — रणबीर सिंह