महंत बिसाहू दास उद्यानिकी महाविद्यालय एवम अनुसंधान केन्द्र में 78वें स्वतंत्रता दिवस का धूमधाम से अयोजन
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : महंत बिसाहू दास उद्यानिकी महाविद्यालय एवम अनुसंधान केन्द्र में 78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में भव्य समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 7:30 बजे महाविद्यालय के अधिष्ठाता, डॉ. नारायण साहू द्वारा ध्वजारोहण से हुई, जिसके साथ ही राष्ट्रगान की ध्वनि से पूरा परिसर देशभक्ति की भावना से सराबोर हो गया।
डॉ. नारायण साहू ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता दिवस की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, “स्वतंत्रता दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह उन वीर सपूतों की याद दिलाने का दिन है जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें आज़ादी दिलाई। हमें उनकी कुर्बानियों से प्रेरणा लेकर देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए।” उन्होंने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की महत्ता पर भी प्रकाश डाला और विस्तार से जानकारी दी।
समारोह के दौरान छात्रों और प्राध्यापकों ने देशभक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का शानदार प्रदर्शन किया। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी नृत्य जैसे बस्तर नाचा, सरगुजिहा नृत्य और सुआ नृत्य ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इन प्रस्तुतियों ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की जीवंत झलक पेश की और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रंगोली प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी कलात्मकता का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिससे कार्यक्रम का माहौल और भी जीवंत हो गया।
स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को उजागर करते हुए प्रेरणादायक भाषण दिए गए। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:
– एकल गायन: प्रथम स्थान – अनुज साहू
– रंगोली प्रतियोगिता: प्रथम स्थान – वर्षा, सुनिधि, प्रभा, किरण, प्रजेश, गीतांजली; द्वितीय स्थान – रीतू, मुस्कान, अंजली, रीति, छाया; तृतीय स्थान – किरण पैकरा, कल्पना, नीलेश्वरी, शिवांगी, प्रियांशी
– समूह नृत्य: प्रथम स्थान – श्रेया, किरण प्रजेश, साहिल, हरिश; द्वितीय स्थान – सुनिधि, छाया
– एकल नृत्य: प्रथम स्थान – पायल जैन; द्वितीय स्थान – आकांक्षा
समारोह को सुचारू रूप से संचालित करने में मयंक शिवहरे, शिवम, मयंक देवांगन, रोशन, और अर्जुन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। समापन समारोह में मिठाइयों का वितरण किया गया।
इस आयोजन ने महाविद्यालय में उत्साह और देशभक्ति की भावना को प्रबल किया, साथ ही छात्रों और प्राध्यापकों के बीच सामूहिकता और एकता की भावना को भी सुदृढ़ किया। यह स्वतंत्रता दिवस समारोह न केवल ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि और सामुदायिक एकता को भी बढ़ावा देता है।