लगातार विवादों में रहने वाली पीएससी में सुधार की कवायद चल रही है। इस बीच दैनिक भास्कर की पहल पर पहली बार प्रदेश के युवाओं में पीएससी में सुधार को लेकर अपने सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि वे इस संस्था से क्या चाहते हैं। युवाओं का कहना है कि परीक्षा में व्यापमं की तरह पीएससी भी प्रीलिम्स के बाद ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी उपलब्ध कराए। ताकि परीक्षार्थी मॉडल उत्तर मिलान कर सके।
प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे के साथ यह भी बताया जाए कि छात्र को इसमें कितने अंक मिले। जिस तरह से यूपीएससी व एसएससी से परीक्षाओं को लेकर वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाता है, वह व्यवस्था यहां भी लागू हो। ताकि युवा इसके अनुसार परीक्षा की तैयारी कर सके।
राज्य सेवा परीक्षा 2024 के लिए नोटिफिकेशन आने वाला है। इस बार कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। पदों की संख्या इस बार कितनी होगी यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि इस बार भी दो सौ से अधिक पदों के लिए वैकेंसी आ सकती है।
प्रीलिम्स में 7 प्रश्न विलोपित और 9 के उत्तर बदले थे
राज्य सेवा परीक्षा 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में अनुवाद में त्रुटि, गलत विकल्प, समेत अन्य को लेकर 7 प्रश्न विलोपित किए गए थे। जैसे, शैवाल प्रस्फुटन। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के महानिदेशक के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी कौन हैं ? जनऊला से संबंधित। क्षेत्रफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा जिला कौन-सा है ? बस्तर की लोकसंस्कृति में ‘’विवाह-माँडो’’ (मण्डप) पर ‘’मोंगरहन खाम’’ गाड़ने के लिए निम्नलिखित में से किस लकड़ी का प्रयोग किया जाता है ? छत्तीसगढ़ के जिला निर्माण का आरोही-क्रम।
छग के कितने जिलों में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 25% से अधिक है? इसी तरह 9 प्रश्न के आंसर चेंज हुए थे। जैसे छग राज्य सात राज्यों को छूता है। लिंगानुपात कोंडागांव, मराठी, काली कमोद, देवदंडी, अटॉर्नी जनरल, पीडीआई, नगर पालिका अधिनियम धारा 3 परिभाषा और पैराबैंगनी विकिरणों वाला।
राज्य सेवा ही नहीं, दूसरी भर्ती परीक्षाओं में भी गलत सवाल
पीएससी से होने वाली राज्य सेवा परीक्षा ही नहीं बल्कि दूसरी परीक्षाओं में भी गलत प्रश्न पूछे गए। परिवहन उप निरीक्षक (तकनीकी) भर्ती के लिए लिखित परीक्षा पीएससी से कुछ महीने पहले हुई थी। इसमें कुल 150 सवाल पूछे गए थे। गलत सवाल व गलत विकल्प होने की वजह से 14 प्रश्न विलोपित किए गए। इतनी संख्या में प्रश्नों के विलोपित होने से सवाल उठे। इसे लेकर जानकारों ने कहा कि 14 प्रश्न विलोपित होने का मतलब है कि परीक्षा में 9.3 प्रतिशत गलत सवाल पूछे गए थे। इससे साफ है कि प्रश्नों के चयन में सावधानी नहीं बरती गई।
युवाओं ने यह सुझाव दिया
{हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद पूरी तरह से सही होना। {प्रश्न पत्र ऐसा हो कि उसमें प्रश्न विलोपित करने की जरूरत ना पड़े। इससे नुकसान होता है। {पेपर में जो सवाल पूछा जा रहा है उसमें विकल्प सही दिया जाए। {मॉडल आंसर एनसीईआरटी, हिंदी ग्रंथ अकादमी किताबों से लिए जाने चाहिए। {संशोधित उत्तर भी आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। {यूपीएससी में जैसे प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती है, उसी पैटर्न को यहां लागू करना चाहिए। {यूपीएससी की तर्ज पर मुख्य परीक्षा में ऑप्शनल विषय भी रखा जाए। {प्रिंटिंग मिस्टेक ना हो और विवादास्पद प्रश्न भी ना पूछे। {परीक्षा के अगले दिन ही मॉडल उत्तर जारी किया जाए।