छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी—amit baghel case में अग्रिम जमानत पर नहीं मिली राहत, हर राज्य में करनी होगी पेशी

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सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

बिलासपुर। विवादित बयानों को लेकर चर्चा में आए जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी प्रमुख अमित बघेल के लिए amit baghel case और जटिल होता जा रहा है। अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का पालन करना ही होगा। यह सख्त रुख supreme court remark के रूप में सामने आया और कोर्ट ने किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया।


आप अपनी जुबान संभालकर रखें — कोर्ट की नसीहत

अमित बघेल द्वारा सभी FIR को एक स्थान पर क्लब करने की मांग पर न्यायालय ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा—“आप अपनी ज़ुबान संभालकर रखें। राज्य पुलिस आएगी, आपको अपने-अपने राज्यों में ले जाएगी। पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए।”
amit baghel case में यह टिप्पणी न्यायालय की कड़ी नाराज़गी को दर्शाती है। बघेल पिछले 26 दिनों से फरार बताए जा रहे हैं और उन पर देशभर में 12 से अधिक FIR mudda दर्ज हैं।


गुस्से में दिया बयान—दलील नहीं मानने को तैयार कोर्ट

बघेल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने दलील दी कि बयान गुस्से में दिए गए थे और किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने का उद्देश्य नहीं था। साथ ही यह भी आग्रह किया गया कि अन्य राज्यों की FIR को छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर कर दिया जाए।
लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने यह दलील अस्वीकार कर दी। अदालत ने साफ कहा कि आरोपी को हर राज्य में मौजूद kanuni prakriya का सामना करना ही पड़ेगा।


कई राज्यों में दर्ज हैं मामले

amit baghel case में दर्ज FIR की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में विवादित बयान के बाद शिकायतें दर्ज की गईं। इसी मामले में देशभर के सिंधी समाज द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने amit baghel case में अग्रिम जमानत से इनकार करते हुए कहा कि जहां-जहां FIR दर्ज है, आरोपी को वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा। कई राज्यों में बघेल पर दर्ज हैं आपराधिक मामले।

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