सोशल मीडिया में ट्रेंड हो रहा है, महापौर के बेटे का अवैध निर्माण

जिस चाय की टपरी ने आम आदमी को महापौर तक का सफर तय कराया,उसी जगह पर अवैध निर्माण शुरू,,क्या होगी कार्यवाही??
रायगढ़,,_कुछ महीनों पहले शहर के मरीन ड्राइव और प्रगति नगर में हुए तोड़ फोड़ की घटना को लेकर निगम प्रशासन और स्थानीय विधायक से लेकर महापौर की खूब किरकिरी हुई थी। तब इन सभी लोगों ने उक्त स्थानों पर रहने वाले गरीब नागरिकों के निर्माण को अवैध बताकर सरकारी जमीन को खाली कराए जाने की बात कही थी। इसके पश्चात शहर के कई अन्य स्थानों की सरकारी जमीनों में स्थित अवैध निर्माण तोड़े भी गए थे। जिसमें प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोग बेहद गरीब वर्ग के थे।

इनमें से कई लोगों ने चाय वाले महापौर से लेकर निगम आयुक्त और विधायक रायगढ़ तक फरियाद लगाई थी, कि उनका निर्माण कई सालों पुराना है उनके पास इस स्थान के अलावा कही कोई और रहने की जगह नहीं है,इसलिए उचित वैकल्पिक व्यवस्था किए बगैर उनके घर न तोड़े जाएं। लेकिन इनमें से किसी ने भी पीड़ितों की फरियाद नहीं सुनी थी। वहीं नगर सरकार और उसके प्रमुख(महापौर) ने अवैध निर्माणों के प्रति जीरो टॉलरेंस वाली छवि दिखाना उचित समझा था।

इस बीच शहर के विश्वास गढ़ चर्च के बगल में मिनी माता चौक पर देहरी टी स्टाल और पान सेंटर नाम से चल रही है चाय दुकान पर अवैध निर्माण को लेकर चर्चा बेहद गर्म हो गई है। स्थानीय लोगों की माने की उक्त सरकारी जमीन पर महापौर जीवर्धन सिंह चौहान का परिवार खुलेआम अवैध निर्माण करवा रहा हैं। महापौर निर्वाचित होने के पूर्व जीवर्धन सालों से इस जगह पर बनी कच्ची दुकान में चाय की टपरी लगाते रहे हैं।

इन दिनों सड़क से लगी सरकारी जमीन पर स्थित कच्चे निर्माण को बकायदा लोहे का कालम ढालकर पक्की दुकान का निर्माण किया जा रहा है। इसे लेकर न केवल स्थानीय लोगों में बल्कि सोशल मीडिया में खूब चर्चाएं हो रही है।
लोग कहते दिख रहे है कि नगर सरकार के प्रमुख अर्थात महापौर का दोहरा चेहरा अब सामने आ गया है, सरकारी जमीन पर गरीबों का घर तोड़ने वाले नेता जीवर्धन चौहान अपने अवैध निर्माण पर कब कार्यवाही करेंगे? क्या सब कुछ उनके संरक्षण में हो रहा है?? या फिर शहर के आम नागरिकों की फाइल खुलवाने की धमकी देने वाले निगम आयुक्त की नजर इस तरह के खुलेआम अवैध निर्माण पर अब तक नहीं पड़ी है या उन्होंने भी आंखे बंद कर ली है?

एक सोशल मीडिया हैंडलर ने पोस्ट किया है कि अगर कोई गरीब कब्ज़ा करें तो निगम प्रशासन.. तत्काल JCB लेकर तोड़ फोड़ कर देती है.. महापौर का बेटा अवैध कब्जा कर रहा तो नगर निगम शांत क्यों बैठ जाती है?.. आयुक्त महोदय आलोक सिटी मॉल वाला तेवर यहां भी तो दिखाओ.. या फिर जहां धन वहां बल दिखाते है…
इस तरह की पोस्ट पर कमेंट भी खूब आ रहे है कुछ लोगों विकास पुरुष के हस्तक्षेप की बात कही है,तो कुछ इसे विकास की राजनीति का उदाहरण बताया है।
बहरहाल महापौर के चाय की टपरी में जारी अवैध निर्माण पर कोई कार्यवाही हो न हो लेकिन सोशल मीडिया में भाजपा नेताओं से लेकर निगम प्रशासन और निगम आयुक्त की खूब क्रिरकिरी हो रही है।।





