रायगढ़ : नगर निगम की लापरवाही उजागर, सब्जी मंडी पर अत्याचार, गरीबों की आवाज दबाने की साजिश!

रायगढ़ :- रायगढ़ नगर निगम की लापरवाही और गरीब सब्जी व्यापारियों पर अत्याचार का काला चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। न शौचालय की वैकल्पिक व्यवस्था, न पीने का पानी, फिर भी जेसीबी लेकर निगम ने तोड़ दिया सुलभ शौचालय। सब्जी मंडी की महिलाएं और कर्मचारी मंडी के अंडर का कई सालों से खराब शौचालय टूटे और गंदगी से भरे होने के चलते सड़कों पर ठोकरें खा रहे हैं, इमरजेंसी में शौचालय के लिए दूर जाना पड़ रहा है या मुंह बंद कर तकलीफ सह रहे हैं। दूसरी ओर, शहर के तंग चौक-चौराहों को चौड़ा करने की हिम्मत निगम में नहीं, लेकिन गरीब व्यापारियों की आवाज को एक कार्रवाई से कुचलने में निगम को क्रेडिट लेने की जल्दी है। सवाल उठता है—आखिर निगम हर बार सब्जी मंडी को ही निशाना क्यों बनाती है? क्रेडिट के लिए या गरीबों पर जुल्म ढाने के लिए?
सब्जी मंडी में निगम का जुल्म
रायगढ़ की सब्जी मंडी, जहां सैकड़ों गरीब व्यापारी और कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का पेट पालते हैं, वहां निगम की लापरवाही कहर बरपाया। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के पहले तो कई सालों से पानी की सफाई करनी बंद कर दी फिर मंडी के शौचालय की सफाई करना बंद कर दी जिसके चलते गंदगी और बदबू फैलना शुरू हुई जिसके बाद पुराना शनि मंदिर स्थित निगम के शौचालय को इतवार के दिन तोड़ दी। स्थानीय व्यापारी ने गुस्से में कहा, “न शौचालय है, न पीने का पानी, फिर भी निगम को सिर्फ हमारी दुकानें दिखती हैं। क्या हमारी मेहनत और इज्जत की कोई कीमत नहीं?”
शौचालय टूटे, महिलाएं परेशान
सब्जी मंडी के पास का सुलभ शौचालय तोड़ कर गरीबों को मुसीबत में फेक दिया नगर निगम। एक तरफ पहले से परेशान महिला कर्मी अंडर के शौचालय से तो दूसरी तरफ बिना वैकल्पिक व्यस्था किया निगम के शौचालय को तोड़ दिया गया, जिसके चलते दुकानों पर काम करने वाली महिलाएं इमरजेंसी में कई मीटर दूर दूसरे शौचालय तक दौड़ने को मजबूर हैं। कई बार तो मुंह बंद कर तकलीफ सहनी पड़ती है। एक महिला कर्मचारी ने रोते हुए कहा, “निगम सिर्फ मनमानी करती है उन्हें सिर्फ गरीब दिखता है अमीर नहीं”। बारिश में कीचड़ और गंदगी में बैठकर सब्जी बेचते हैं, लेकिन निगम को सिर्फ हमने तकलीफ देने की सूझती है।”
शहर के चौक-चौराहे, निगम की नजर में नहीं
शहर के कई चौक-चौराहे तंग और जर्जर हैं, जहां आए दिन जाम होते हैं। लेकिन निगम की जेसीबी वहां चौड़ीकरण के लिए नहीं पहुंचती। स्थानीय सूत्र ने तंज कसते हुए कहा, “निगम को बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चाहिए, लेकिन गरीबों की मंडी ही आसान टारगेट है। चौक-चौराहों को चौड़ा करने की हिम्मत कहां?” निगम की कार्रवाई सिर्फ गरीबों की आवाज दबाने और अपनी पीठ थपथपाने तक सीमित क्यों?
निगम से तीखे सवाल
– सब्जी मंडी में शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था कब होगी?
– गरीब व्यापारियों की दुकानों पर जेसीबी क्यों चलती है छज्जे पर क्या धूप, बरसात से तड़पने के लिए जेसीबी चलती है?
– शहर के तंग चौक-चौराहों का चौड़ीकरण कब होगा?
– निगम हर बार सब्जी मंडी को ही निशाना क्यों बनाती है?
सब्जी व्यापारी और व्यापारियों की चेतावनी
सब्जी मंडी के व्यापारियों और आसपास के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर निगम ने उनकी मूलभूत सुविधाओं—शौचालय, पीने का पानी और साफ-सफाई—का इंतजाम नहीं किया, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। एक व्यापारी ने कहा, “हम मेहनत से कमाते हैं, लेकिन निगम हमारी कमाई और इज्जत दोनों छीन रही है। अब और नहीं सहेगा!”
निगम को ललकार
रायगढ़ नगर निगम की लापरवाही और गरीबों पर अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर है। सब्जी मंडी के व्यापारी और कर्मचारी इंसाफ मांग रहे हैं। निगम को चाहिए कि वह गरीबों के लिए किए शौचालय, पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था करे। अगर निगम ने अब भी आंखें नहीं खोलीं, तो जनता सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करेगी। निगम सुन ले—गरीबों की आवाज दबाने की साजिश अब नहीं चलेगी, वरना जनता तुम्हारी पीठ थपथपाने की आदत छुड़ा देगी!





