तो क्या केवल इंदु राय के लिए खोला गया था स्कूल या हुआ है कोई बड़ा घोटाला

यह प्रश्न इसलिए उठाना पड़ रहा है, क्योंकि सुंदरगढ़ जिला में स्थित बिसरा केसरकारी हिंदी उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका के पद पर नियुक्त इंदु राय जिस कल्पतरू वाणी विहार संस्कृत विद्यालय से दसवीं कक्षा पास कर अध्यापिका के पद पर नौकरी कर रही है, सूचना का अधिकार के तहत खंड़ शिक्षा अधिकारी कार्यालय बिसरा प्रखंड़ से मिली सूचना के अनुसार वह विद्यालय नहीं मिला। दूसरी ओर इंदु राय का प्रमाण पत्र जिस श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री विहार पूरी, से जारी किया गया है उनके पास भी इस विद्यालय (कल्पतरू वाणी विहार संस्कृत विद्यालय, बसंती कालोनी) के संदर्भ में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
जबकि श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री विहार पूरी द्वारा एक आरटीआई के जवाब में यह कहा गया है कि उनके द्वारा सन् 2000 में कल्पतरू वाणी विहार संस्कृत विद्यालय,बसंती कालोनी को स्वीकृति प्रदान की गई थी और दसवीं कक्षा की वोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी।पर इस विद्यालय के बारे में सन् 2000 से पहले और इसके बाद की कोई जानकारी संबंधित विश्वविद्यालय के पास नहीं है।
ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि क्या केवल एक साल के लिए ही स्कूल खोला गया था, जहाँ से इंदु राय 30 वर्ष की आयु में सीधे दसवीं पास कर ली। जबकि इंदु राय ने कक्षा 1 से कक्षा 9 तक की जानकारी नहीं दी। यह संदर्भ में राज्य सूचना आयोग के पास एक केश दर्ज किया गया है।
वही दूसरी ओर श्री जगन्नाथ विश्वविद्यालय श्री विहार पूरी से सूचना का अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी गई कि –
1.कल्पतरु वाणी विहार संस्कृत विद्यालय बसंती कालोनी को किस आधार पर / किस तिथि को/कितने वर्षो तक के लिए स्वीकृति प्रदान की गई थी।
2.विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों का नाम/पता/मोबाइल नंबर ओर पहचान पत्र (आधार या मतदाता पहचान पत्र) की फैटो कापी प्रदान करे।
3.विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की सूची /कक्षा /वर्ग /वर्ष /अभिभावकों के नाम और पता के साथ प्रदान करें।
4.छात्र छात्राओं का नामांकन किस आधार पर किया गया था। प्रमाण के साथ सूचना प्रदान करें।
जबाब में विश्वविद्यालय द्वारा याचिका कर्ता को एक भी प्रश्नो के उत्तर नहीं दिए गए। और जब याचिका कर्ता अपील में गया तो प्रथम अपील अधिकारी ने यह जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह जानकारी कल्पतरू संस्कृत कालेज, राउरकेला, सूंदरगढ़ से सीधे प्राप्त करें। सच्चाई यह है कि राउरकेला में कल्पतरू संस्कृत कालेज नाम का कोई कालेज नहीं है और जब सूचना कल कल्पतरू वाणी विहार संस्कृत विद्यालय के बारे में मांगी गई थी तो जवाब में विश्वविद्यालय के प्रथम अधीकारी (रजिस्ट्रार) ने ऐसी भ्रामक सूचना क्यों दी कि सूचना कल कल्पतरू संस्कृत कालेज से सूचना मांगी जाए।
साफ दिख रहा है कि याचिका कर्ता को गलत सूचना प्रदान की गई है ,इस पर याचिका कर्ता द्वारा राज्य सूचना आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। पूरे प्रकरण को देखा जाए तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि,श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय ,श्री विहार पूरी द्वारा कोई बहुत बड़ा घोटाला किया गया है।
जिसे सब मिलकर छुपाने में लगे हुए है। याचिका कर्ता का कहना है कि इसकी उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए। और दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए। इस विश्वविद्यालय द्वारा ना जाने ऐसे कितने फर्जी शिक्षक तैयार किए गए होगें जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है, और ना जाने कितने फर्जी विद्यार्थी विभिन्न संस्थाओं में नौकरी कर मेहनत से पढाई करने वाले इमानदार विद्यार्थीयों का हक मार कर बैठे होगे।





