
झारखंड पार्टी के केंद्रीय सचिव महेंद्र जामुदा पहुंचे आंदोलन स्थल और कहा बर्दास्त नहीं करेंगे सेल की मनमानी
चक्रधरपुर। आदर्श श्रमिक स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड चिड़िया के द्वारा चिड़िया(सेल)आयरन ओर माइंस में रोज़गार की मांग को लेकर स्थानीय बेरोज़गार युवाओं का तीसरे दिन यानी शुक्रवार को भी आंदोलन जारी है। विदित हो की गुरुवार को सेल के अधिकारियों और आंदोलनकारियों से रोज़गार देने के मुद्दे पर वार्ता विफल हो गया था। कारण सेल प्रबंधन ने आंदोलन कर रहे रोज़गार युवाओं को रोज़गार देने में अपनी असमर्थता जताया है ।
वहीं लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे युवाओं के आंदोलन को कुचलने के लिए सेल और ठेका कंपनी ने पेयजल आपूर्ती बंद कर दिया है।भूखे प्यासे रहकर स्थानीय बेरोज़गार युवा सड़क पर धरना प्रदर्शन आंदोलन कर रहे है। आदर्श श्रमिक स्वालंबी सहकारी समिति के नेता सुनील कुमार दास ने कहा कि जबतक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हमारी आंदोलन को कुचलने को लेकर सेल प्रबंधन व ठेका कंपनी साजिश रच रही है।पुलिस प्रशासन का भय के अलावा पेयजल आपूर्ती भी बंद कर दिया है। जिससे हम सभी पानी के बिना भूखे प्यासे धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए है।
उन्होंने कहा कि विगत दस वर्षों से स्थानीय शिक्षित बेरोज़गार युवा सेल व ठेका प्रबंधन से रोज़गार देने की मांग आदर्श स्वालंबी सहकारी समिति के बैनर तले मांग उठाती रही है। किंतु सेल व ठेका प्रबंधन सिर्फ़ आश्वासन के नाम पर हमलोगों को ठगती आ रही है। जबकि ठेका कंपनी एक द्वारा अपने काम पर झारखंड से बाहर के लोगों को काम पर रखा गया है। बाध्य होकर हम सभी आंदोलन करने को मजबूर हुए है।
जबतक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक सेल व ठेका प्रबंधन के ख़िलाफ़ हमारा आंदोलन जारी रहेगा। आज आंदोलन कर रहे युवकों से मिलने तथा उनका मनोबल बढ़ाने के लिए झारखंड पार्टी के केंद्रीय सचिव सह अधिवक्ता महेंद्र जामुदा पहुंचे। मौके पर उन्होंने कहा आंदोलनकारियों के साथ हम खड़े है।
उन्होंने कहा की जब भी हमारी जरूरत होगी हम आपके सामने खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी विडंबना है की जब भी आंदोलन की बात आती है तो सेल प्रबंधन ठेकेदार को आगे कर देता है और उनके माध्यम से रोजगार देने की बात कहता है। इस आंदोलन में सिंगराए कच्छप, संतोष कच्छप, पवल होरो, किशोर लोहार,सुनील दास, सुनील साफी, भीम हुरदा, हाबिल टुडू, गणेश मुंडारी, राजकुमार बड़ाइक, मुकु बोईपाई, गोपाल कच्छप, विजय तांती, नरेश लोहरा,आजाद सामड, पादुम,चेरेवा,कार्तिक सामड, कुणाल लोहार एवं अन्य आंदोलनकारी मौजूद थे।