राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन होंगे रेलवे अस्पताल ,

रेलवे बोर्ड ने जारी किया आदेश , इस कदम से उपलब्ध संसाधनों का अधिक उपयोग संभव होगा
चक्रधरपुर । केंद्र सरकार ने अब रेलवे अस्पतालों को राज्य सरकारों के अधीन करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी की है। यह प्रक्रिया बहुत जल्द पूरी कर ली जाएगी। रेलवे बोर्ड ने सभी भारतीय रेलवे के प्रधान मुख्य चिकित्सा निर्देशकों को और आरडीएसओ के प्रधान मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना( एबी पीएम जेवाई) के तहत विभिन्न मंत्रालयों के सरकारी अस्पतालों का प्रशासनिक प्रबंधन नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एन एच ए) से स्टेट हेल्थ एजेंसी (एस एच ए) को सौंपा जाय।
सरकार का तर्क है कि इस कदम से उपलब्ध संसाधनों का अधिक प्रभावी उपयोग संभव होगा। इस योजना के तहत रेलवे अस्पतालों का एकीकरण राज्य के अस्पतालों के साथ किया जाएगा। प्रशासनिक नियंत्रण एन एच ए से संबंधित राज्यों की एसएचए को हस्तांतरित होगा। योजना से जुड़े दिन प्रतिदिन के संचालन संबंधी सभी कार्य अब राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होंगे।
बताया जाता है कि एनएचए के हॉस्पिटल एम्पायनलमेंट एंड मैनेजमेंट ( एचईएम) ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम ( टी एम एस) प्लेटफार्म पर 30 दिनों के भीतर सभी सरकारी अस्पतालों को राज्य श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। वहीं जो राज्य अपने स्वयं आई टी सिस्टम का उपयोग कर रहे है वे इन अस्पतालों को एक नई श्रेणी के रूप में जोड़ सकेंगे।
बताया जाता है कि मौजूदा समय में रेलवे अस्पताल राष्ट्रीय पैकेज मास्टर का पालन करते है। प्रशासनिक नियंत्रण बदलने के बाद संबंधित राज्यों के हेल्थ बेनिफिट पैकेज (एचबीपी) और प्रोत्साहन संरचना रेलवे अस्पतालों पर लागू होगा। एसएचए इन अस्पतालों को उसी प्रकार सहयोग देंगे जैसा वे राज्य से अन्य सार्वजनिक अस्पतालों को देते है। इस सम्बन्ध में जानकारों का कहना है कि स्टेट हेल्थ एजेंसी एक स्वतंत्र संस्था हैं जो आयुष्मान भारत योजना को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के दिशा निर्देश पर कार्य करती है।
चुंकि मौजूदा समय में आयुष्मान भारत योजना के तहत खर्च होने वाले राशि का भुगतान नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के द्वारा एसएचए के माध्यम से किया जाता है अब यह पूर्ण रूप से स्टेट हेल्थ एजेंसी के नियंत्रण हो जाएगा। बताया जाता है इस योजना से आयुष्मान भारत योजना बीमा राशि का कुछ अंश संबंधित अस्पतालों के विकास में खर्च किया जा सकता है। वर्तमान रेलवे अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज कराने वाले मरीजोंकी बीमा राशि सीधे नेशनल हेल्थ अथॉरिटी को जाती है और अस्पतालों के काफी मशक्कत और पत्राचार के बाबजूद अस्पतालों की विकास योजनाओं में खर्च संभव नहीं हो पाता है।





