
जशपुर। छत्तीसगढ़ में पशु तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे “ऑपरेशन शंखनाद” के तहत जशपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने कुख्यात पशु तस्कर इमरान खान और विजय भगत को गिरफ्तार कर लिया है। इमरान, जो दो दिन पहले पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था, अंततः मुखबिर की सूचना पर तहसील कार्यालय के सामने से धर दबोचा गया।
फिल्मी स्टाइल में हुआ था पीछा, जंगल में छिपकर भागा था इमरान
दिनांक 6 जनवरी 2025 को थाना दुलदुला क्षेत्र में पशु तस्करी की सूचना मिलने पर पुलिस ने लोरो घाट में नाकाबंदी की थी। बैरिकेडिंग देखकर तस्कर अपनी पिकअप वाहन (जिसमें 12 गौवंश भरे थे) को उल्टी दिशा में मोड़कर भागने लगे। पुलिस ने उनका पीछा किया, लेकिन ग्राम काटासारु (झारखंड सीमा से सटे क्षेत्र) में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तस्कर गाड़ी छोड़कर जंगल में भाग गए थे, लेकिन पुलिस ने 12 गौवंशों को सकुशल बरामद कर लिया था।
मुखबिर की सूचना से हुआ इमरान गिरफ्तार
पुलिस लगातार इमरान की तलाश में थी और अंततः 7 जनवरी 2025 को उसे जशपुर तहसील कार्यालय के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। इमरान के खिलाफ पहले से पशु तस्करी और चोरी के कई मामले दर्ज हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
- इमरान खान (उम्र 23 वर्ष) – ग्राम केराडीह बरटोली, थाना नारायणपुर, जिला जशपुर।
- विजय भगत (उम्र 44 वर्ष) – ग्राम डड़गांव, चौकी मनोरा, जिला जशपुर।
विजय भगत भी पकड़ा गया, एक और तस्कर फरार
दूसरे आरोपी विजय भगत को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 15 दिसंबर 2024 को वह अपने साथियों के साथ 10 गौवंशों को क्रूरता से मारते-पीटते झारखंड ले जा रहा था, लेकिन पुलिस के छापे में एक अन्य तस्कर फिरदियूस तिर्की पकड़ा गया था, जबकि विजय भगत और उसका एक अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले थे। विजय भगत को 7 जनवरी को पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि एक अन्य आरोपी अभी फरार है।
“ऑपरेशन शंखनाद” के तहत अब तक 710 गौवंश मुक्त कराए गए
पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह (भा.पु.से.) ने बताया कि “ऑपरेशन शंखनाद” के तहत अब तक 710 से अधिक गौवंशों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पशु तस्करों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
फरार आरोपी की तलाश जारी है।