मानव तस्करी का खुलासा: युवती को झांसे में लेकर शादी के नाम पर बेचने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़, 7 आरोपी गिरफ्तार

सरगुजा जिले में मानव तस्करी की एक सनसनीखेज घटना का पुलिस ने खुलासा किया है। युवती को नौकरी का लालच देकर झांसे में लेकर शादी के नाम पर बेचने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के 7 आरोपियों को सरगुजा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुमार अग्रवाल (भा.पु.से.) के निर्देशन में मणिपुर थाना पुलिस व महिला थाना की संयुक्त टीम ने पीड़िता को सुरक्षित बरामद कर आरोपियों के विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की है।

🕵♂️ मामले की पृष्ठभूमि:
दिनांक 21 जून 2025 को एक युवती ने मणिपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी चचेरी बहन, जो कुछ माह पहले काम की तलाश में आई थी, उसे झांसे में लेकर उत्तर प्रदेश ले जाया गया और वहां एक लाख रुपये में बेच दिया गया। 19 जून को एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर फिरौती की मांग की और बताया कि युवती उसके कब्जे में है।

🚔 त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारियां:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले तीन स्थानीय आरोपियों को पकड़ा:
1. काबिल अंसारी, ग्राम बांहो कुदा, झारखंड
2. हीना अंसारी, टपरकेला, लखनपुर
3. रामेश्वरी सोनवानी, टपरकेला, लखनपुर
तीनों ने पीड़िता को नौकरी का झांसा देकर उत्तर प्रदेश ले जाकर 1 लाख रुपये में बेचने की साजिश रची थी।
पूछताछ में काबिल ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के भिंड निवासी सुरेन्द्र कुशवाहा से मिला था, जिसने लड़कियों की शादी करवाने के नाम पर मोटी रकम देने की बात कही थी। काबिल, उसकी पत्नी हीना और सास रामेश्वरी ने योजना बनाकर पीड़िता को औरैया (उत्तर प्रदेश) भेजा, जहां उसे सुमित राठौर से जबरन शादी करवा दी गई।
👥 अन्य आरोपी और गिरफ्तारियां:
आरोपी काबिल की निशानदेही पर बाकी चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया:
4. सुरेन्द्र कुशवाहा, भिंड, मध्यप्रदेश
5. सकील खान, कानपुर, उत्तरप्रदेश
6. सुमित राठौर, सरावन, जालौन, उत्तरप्रदेश
7. राकेश राठौर, (सुमित के पिता), सरावन, जालौन
पीड़िता ने बताया कि शादी के बाद सुमित और उसके पिता ने उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया। भागने की कोशिश पर मारपीट कर वापस घर लाया गया।
🔍 जब्ती और अन्य साक्ष्य:
आरोपियों के कब्जे से 4 मोबाइल फोन, पीड़िता का मोबाइल फोन, और ₹3100 नगद जब्त किए गए।
आरोपी रामेश्वरी को 40,000 रुपये मिले थे, जिसमें से ₹10,000 अपने पास रखे और बाकी आरोपियों ने खर्च कर दिए।
⚖ कानूनी कार्रवाई:
सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण में धारा 137(2), 140(3), 142, 144(2), 64(2)(ड), 69 बी.एन.एस. जोड़ी गई है।
👮♀️ पुलिस टीम की भूमिका:
इस महत्वपूर्ण कार्यवाही में निरीक्षक अश्वनी सिंह, उपनिरीक्षक सुनीता भारद्वाज, एएसआई धीरज गुप्ता, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान, महिला आरक्षक सुमन तिग्गा सहित रायगढ़ व उत्तरप्रदेश पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका रही।





