छत्तीसगढ़

सीएसईबी का राखड बांध टूटा, राख से सराबोर हुआ इलाका तो 44 ग्रामीणों को रातभर सामुदायिक भवन मे ठहराया

कोरबा। कोरबा पश्चिम स्थित सीएसईबी का राखड़ बांध (डैम) जून माह की पहली बारिश से ही हाँपने लगा और गुरुवार की दोपहर भरभराकर टूट गया। बांध के टूटते ही हजारों टन राखड़ किसानो के खेत मे समाते हुए बस्ती मे पहुँच रहा है। सीएसईबी प्रबंधन की लापरवाही से देख रेख का अभाव बना हुआ था। इसी वजह से पहली बारिश मे ही विशालकाय राखड़ बांध टूट गया। बांध के अचानक टूटने से तेज आवाज़ के साथ राखड़ की बहती धार ने ग्रामीणों किसानो की चिंता बढ़ा दी है। वही आसपास के ग्रामवासी सीएसईबी प्रबंधन के खिलाफ आक्रोशित हैं।
ग्रामीणों के अनुसार राखड़ बांध गुरुवार की सुबह से लीकेज था।

लीकेज की सूचना के बाद भी जिम्मेदार सीएसईबी प्रबंधन का कोई भी अधिकारी झाँकने तक नही पहुंचा। देखते ही देखते करीब 12 बजे 100 मीटर तक तटबंध टूट गया। बांध टूटने से राखड़ तेज गति से खेत खार होते हैं ढिंढोलभांठा के आश्रित ग्राम डोडकधरी गाँव के किनारे तक पहुंच गया, ग्रामीणों की सूचना के 4 घंटे बाद करीब 5 बजे सीएसईबी के अधिकारी घटना स्थल पहुंचे और सभी ग्रामीणों को गाँव खाली करा दिया।

राखड़ बांध टूटने के बाद बस्ती की ओर बहते राखड़ को देख सभी डर गए। अधिकारियों ने डोडकधरी गाँव के सभी ग्रामीणों को ढिंढोलभांठा के सामुदायिक भवन मे ठहराया, सामुदायिक भवन मे करीब 44 लोगों ने डर मे रात गुजारी।

राखड़ बांध का 100 मीटर से बड़ा एरिया टूट गया है जिसे बोरी मे राखड़ और मिट्टी रेत से भरकर टूटे बांध को बांधने का प्रयास कर रहे हैं। बोरी से टूटे बांध को बंद करने सीएसईबी के इस प्रयास से ग्रामीणों मे नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है की टूटे हुए बांध को सही तरीके से बनाया जाए ताकि दुबारा या घटना न हो, वहीं अधिकारी बोरी से सब ठीक हो जाने की बात कर रहे हैं। पर्यावरण विभाग से कोई भी अधिकारी जायजा लेने नही पहुंचे हैं। जब सीएसईबी अधिकारियों से संपर्क कर जानने का प्रयास किया गया,लेकिन अधिकारियों ने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button