छत्तीसगढ़

सीआईएसएफ महानिदेशालय द्वारा मिले जवाब से देश भर के हजारों रिटायर्ड जवानों में मायुसी

दिनांक 5 मई को सीआईएसएफ महानिदेशालय में पूर्व एडीजी श्री एचआर सिंह के नेतृत्व में टॉप लेवल एडीजी रैंक के अधिकारियों से मुलाकात हुई थी जिसमें दो जायज मुद्दों पर चर्चा हुई पहला मुद्दा सीआईएसएफ जवानों को सीएलएमएस एप के माध्यम से मदिरा सुविधा उपलब्ध कराई जाए दुसरा सीआईएसएफ जवानों को 30 दिनों के बजाय 60 दिनों का वार्षिक अवकाश दिया जाए।

अलॉइंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दिनांक 19 मई को सीआईएसएफ महानिदेशालय से ईमेल के माध्यम से जवाब आ गया कि किसी भी हालत में मदिरा नहीं दी जाएगी ना ही सेवारत और ना ही सेवानिवृत्त सैनिकों को। हमने अपनी तरफ से माननीय न्यायालय को स्थिती साफ कर दी है। हमने कहा कि कम से कम रिटायर्ड जवानों को तो मदिरा सुविधा दी जा सकती है वो कौन सी संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी कर रहे हैं।

दुसरा महत्वपूर्ण मुद्दा सीआईएसएफ जवानों को 30 दिनों के बजाय 60 दिनों के वार्षिक अवकाश को लेकर चर्चा का केंद्र बिंदु रहा। महासचिव रणबीर सिंह के कहे अनुसार एक बार फिर से जवानों के बीच सर्वे करवाया जा सकता है कि जवान 30 दिन चाहते हैं या 60 दिनों का वार्षिक अवकाश। लेकिन उपरोक्त मुद्दे पर उच्च अधिकारी टस से मस नहीं हुए।

एक पूर्व डीजी सीआईएसएफ के गैरजिम्मेदाराना निर्णय से भारत सरकार को करोड़ों रुपए जीएसटी राजस्व का नुक़सान उठाना पड़ रहा है।पूर्व एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह के कहे अनुसार सीआईएसएफ जवानों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की झलक साफ दिखाई दे रही है जबकि भारतीय सेनाओं के तीनों अंगों व सभी केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को 60 दिनों का सालाना अवकाश मिलता है जबकि सीआईएसएफ में मात्र 30 दिन।

धर परिवार बीवी बच्चों से सैंकड़ों हजारों किलोमीटर दूर अक्सर कम छुट्टियों के चलते आत्महत्या तक की नौबत आ जाती है। मदिरा सुविधा सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन सीआईएसएफ जवानों को मदिरा सुविधा से वंचित रखा गया है।

सीआईएसएफ महानिदेशालय की ओर से एसोसिएशन को मिले जवाब से देश भर के रिटायर्ड कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है जब भारत सरकार ज़रूरी सुविधाएं दे रही है लेकिन सीआईएसएफ महानिदेशालय अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। इस के लिए एसोसिएशन द्वारा दोनों महत्वपूर्ण विषयों पर गृह मंत्रालय से होने वाली बैठक में उठाए जाएंगे लेकिन हार नहीं मानेंगे उपरोक्त दोनों मुद्दों के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

रणबीर सिंह
महासचिव

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