सरकारी सिस्टम की चूक या ठेकेदार का अपराध? नदी में समा गया जवान बेटा

सूरजपुर । चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर कुदरगढ़ देवी दर्शन के लिए निकले अंबिकापुर घुटरापारा निवासी कन्हैया प्रसाद जायसवाल का परिवार एक गहरे दुख में डूब गया, जब उनका 18 वर्षीय पुत्र रोहित जायसवाल मंदिर पहुँचने से पहले ही काल के गाल में समा गया।घटना बुधवार सुबह लगभग 7:30 बजे की है।
कुदरगढ़ मंदिर से लगभग 5 किमी पहले गोखनई नदी के पास एक निर्माणाधीन पुल के किनारे ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से रेत निकालने के लिए बड़ी-बड़ी गहराई वाले गड्ढे बना दिए गए थे, जो पानी से पूरी तरह भर चुके थे।
स्नान के दौरान पानी की गहराई का अंदाज़ा न लग पाने के कारण रोहित फिसल कर गड्ढे में डूब गया। परिवार के अन्य सदस्य, जिनमें बड़ा भाई रिशु जायसवाल और पिता कन्हैया प्रसाद भी शामिल थे, मौके पर मौजूद थे, लेकिन गहराई अधिक होने से रोहित को बचाया नहीं जा सका।घटना के बाद रोहित को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओड़गी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हृदयविदारक घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है।
ठेकेदार की घोर लापरवाही, जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी
परिजनों का आरोप है कि वर्षों से इसी स्थान पर स्नान करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार ठेकेदार ने गड्ढे खोद कर छोड़ दिए, न तो किसी प्रकार की चेतावनी का बोर्ड लगाया गया और न ही किसी प्रकार का बैरिकेडिंग किया गया।पिता कन्हैया प्रसाद जायसवाल ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अपने बेटे को बचाने के प्रयास में वे और उनका बड़ा बेटा भी डूबने से बाल-बाल बचे।
स्थानीय लोग भी आक्रोशित, निर्माण कार्य में लापरवाही पर जताई नाराजगी
कुदरगढ़ मार्ग और पुलों का निर्माण पिछले वर्षों से धीमी गति से चल रहा है। रास्ते में फैली निर्माण सामग्री, धूल और गड्ढों के कारण श्रद्धालुओं को निरंतर परेशानी का सामना करना पड़ता है। हाल ही में संपन्न कुदरगढ़ महोत्सव के दौरान भी मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी इसी मार्ग से होकर गए,
लेकिन इसके बावजूद किसी ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया,अब जब वैशाख नवमी का मेला भी नजदीक है, तो दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका और बढ़ गई है। ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी, खनिज विभाग और ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि जब तक लापरवाह अधिकारियों और ठेकेदारों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी।
न्याय की मांग, प्रशासन पर दबाव
क्षेत्र के ग्रामीण और मृतक के परिजन मांग कर रहे हैं कि ठेकेदार के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी और खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही किसी और की जान न ले सके।





