छत्तीसगढ़

धरमजयगढ़–कापू सड़क बनी, पर मुआवजा नहीं मिला 2 साल से दफ्तरों के चक्कर काट रहे पीड़ित भू-स्वामी किसान

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धरमजयगढ़ | धरमजयगढ़–कापू सड़क परियोजना के लिए नजूल टाउन धरमजयगढ़ में स्थित निजी भूमि का अधिग्रहण किए जाने के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी पीड़ित भू-स्वामियों को अब तक मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी (रा.) धरमजयगढ़ को आवेदन सौंपकर शीघ्र मुआवजा दिलाने की मांग की है,पीड़ित भू-स्वामियों का कहना है कि शासन द्वारा सड़क निर्माण हेतु उनकी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया, सड़क भी बनकर तैयार हो गई, लेकिन मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं की गई।

ग्रामीण लगातार एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, परंतु उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है,सबसे गंभीर मामला यह है कि आवेदक कौशल किशोर मिश्रा की वह भूमि, जिस पर सड़क निर्माण किया गया है, उसे भूमि अधिग्रहण सूची में ही शामिल नहीं किया गया, जिससे मुआवजा मिलने में बड़ी बाधा उत्पन्न हो रही है।

इन भू-स्वामियों की भूमि अधिग्रहित, पर मुआवजा लंबित

पीड़ितों द्वारा प्रस्तुत विवरण के अनुसार अधिग्रहित भूमि में निम्न भू-स्वामी शामिल हैं—बिहानू, आशमती, गोतम सिंह, रूपलाल/द्रीपलाल, दिलेश्वर/किरण पटेल, उमेष सिंह, ओमप्रकाश अग्रवाल, विजय अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, कौशल किशोर मिश्रा एवं देव प्रसाद मिश्रा सहित अन्य। सभी की भूमि सड़क निर्माण में उपयोग हो चुकी है,ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजा न मिलने से वे आर्थिक रूप से परेशान हैं और शासन-प्रशासन की उदासीनता से उनमें रोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया तो वे आगे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग

पीड़ित भू-स्वामियों ने इस मामले की प्रतिलिपि कलेक्टर रायगढ़ को भी भेजी है और मांग की है कि तत्काल हस्तक्षेप कर लंबित मुआवजा राशि का भुगतान कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को न्याय मिल सके।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक इस गंभीर मामले पर संज्ञान लेकर पीड़ितों को उनका हक दिलाता है, या फिर ग्रामीणों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

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