छत्तीसगढ़

मोबाइल लाइब्रेरी और प्राथमिक चिकित्सा जागरूकता कार्यक्रम से छात्रों को मिला लाभ

कवर्धा । पीएम श्री योजना के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) कबीरधाम द्वारा प्राथमिक विद्यालय, उडियाकला में सामुदायिक संचार परियोजना के अंतर्गत एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में अध्ययन की आदत विकसित करना और प्राथमिक चिकित्सा के बुनियादी ज्ञान से अवगत कराना था।

इस कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती मालविका किशोर ने किया, जिन्होंने छात्रों को पढ़ाई के महत्व को समझाते हुए पुस्तक प्रेम और ज्ञानार्जन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पुस्तकें न केवल ज्ञान का भंडार होती हैं, बल्कि व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होती हैं। उन्होंने छात्रों को मोबाइल लाइब्रेरी से परिचित कराया, जिससे वे अधिक से अधिक पुस्तकों का लाभ उठा सकें और नियमित अध्ययन की आदत डाल सकें।

इसी कार्यक्रम के तहत स्टाफ नर्स श्रीमती निवेदिता सलोमी ने प्राथमिक चिकित्सा जागरूकता सत्र आयोजित किया। उन्होंने छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा के महत्व को समझाते हुए बताया कि छोटी-मोटी चोटों, जलने या अन्य आपातकालीन स्थितियों में तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने घाव की सफाई, पट्टी बांधने, जलने के उपचार और अचानक बीमार पड़ने पर उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी। छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा के बुनियादी प्रशिक्षण के माध्यम से यह सिखाया गया कि सतर्कता और सही जानकारी से कई गंभीर परिस्थितियों से बचा जा सकता है।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों को अध्ययन सामग्री, स्टेशनरी, हल्का नाश्ता और ओआरएस घोल प्रदान किया गया, जिससे वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनें। इस आयोजन का समन्वय श्री शुभम गर्ग, पीजीटी बायोलॉजी एवं पीएम श्री प्रभारी ने किया। उन्होंने बताया कि इस तरह की गतिविधियाँ छात्रों के समग्र विकास में सहायक होती हैं और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जेएनवी कबीरधाम के प्रधानाचार्य श्री एन. के. लांजेवार ने इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना करते हुए कहा कि पीएम श्री योजना के तहत इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों को शिक्षा और व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ने में मददगार साबित हो रहे हैं। उन्होंने इस आयोजन से जुड़े सभी शिक्षकों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम से छात्रों में न केवल अध्ययन की रुचि बढ़ी, बल्कि वे आपातकालीन परिस्थितियों में स्वयं और दूसरों की सहायता करने के लिए भी जागरूक हुए।

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