
राउरकेला एनआईटी में पुलिस अधिकारियों ने दी अहम जानकारी
राउरकेला प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के टीआईआईआर सभागार में “नए कानूनों, साइबर अपराध और समाज में नशे के प्रभावों पर जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राउरकेला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने विद्यार्थियों, शोधार्थियों और कर्मचारियों को नए कानून (बीएनएस), साइबर अपराध और नशे के दुष्प्रभावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
प्रमुख अतिथि और उनकी अहम बातें
कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों में एनआईटी राउरकेला के निदेशक प्रो. उमाशंकर राव, रजिस्ट्रार प्रो. रोहन धीमन, छात्र गतिविधि केंद्र के अध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार पंडा, राउरकेला पुलिस अधीक्षक नितेश वाधवानी, अपर पुलिस अधीक्षक राजकिशोर मिश्रा, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) पानपोष अमित महांती और पुलिस उपाधीक्षक रामराय मुर्मु उपस्थित थे।
नए कानूनों की सरल व्याख्या
अपर पुलिस अधीक्षक राजकिशोर मिश्रा ने अपने वक्तव्य की शुरुआत एक शायरी से की:
“जिंदगी से बड़ी कोई सजा ही नहीं, और जुर्म क्या है ये पता ही नहीं,
सच बढ़े या घटे या सच रहे ही नहीं, झूठ हावी है इस कदर जिसकी कोई इंतिहा ही नहीं।”
उन्होंने नए कानून (बीएनएस) की विशेषताओं को सरल भाषा में समझाते हुए कहा कि कानून शासन प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों का एक सेट है, जो सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है। उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से कानून में हुए बदलावों और उनके प्रभाव को विस्तार से समझाया।
साइबर अपराध: जागरूकता और सुरक्षा उपाय
एसडीपीओ अमित महांती ने साइबर अपराधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऑनलाइन ठगी, डिजिटल फ्रॉड और सोशल मीडिया के जरिए धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कुछ प्रमुख साइबर अपराधों के उदाहरण दिए:
- फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी वारंट दिखाकर फिरौती मांगना।
- ऑनलाइन शादी और फेक प्रोफाइल के जरिए ठगी।
- फर्जी पार्ट-टाइम जॉब ऑफर देकर पैसे ऐंठना।
- सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग।
उन्होंने साइबर अपराध से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि ऑनलाइन लेन-देन, अज्ञात लोगों से दोस्ती और सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने में सतर्कता बरतनी चाहिए।
नशे के खिलाफ पुलिस का सख्त रुख
पुलिस अधीक्षक नितेश वाधवानी ने विद्यार्थियों से नशे से दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में डाली गई आदतें भविष्य को प्रभावित करती हैं। उन्होंने बताया कि राउरकेला पुलिस गांजा, नकली शराब और ब्राउन शुगर जैसे मादक पदार्थों की तस्करी पर कड़ी कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की लत युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है, इसलिए समाज को भी इस समस्या के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस बुरी लत से खुद को बचाएं और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।
संस्थान के अधिकारियों की अपील
एनआईटी राउरकेला के निदेशक प्रो. उमाशंकर राव ने विद्यार्थियों से अतिथि पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी को गंभीरता से लेने और इसे अपने जीवन में अपनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम के अंत में छात्र गतिविधि केंद्र के अध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार पंडा ने सभी अतिथियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया, जबकि रजिस्ट्रार प्रो. रोहन धीमन ने अतिथियों का परिचय कराया।