देश विदेश

सीसीए से मुक्त करने झींकपानी जिला परिषद सदस्य व जेजीकायू के केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने लिखा महामहिम को पत्र, उनके खिलाफ लगाए गए मामलों की जांच कर उन्हे न्याय दिलाने राष्ट्रपति,मुख्य न्यायधीश, मानवाधिकार और अनुसूचित जनजाति आयोग से लगाई गुहार

Advertisement
Advertisement
Advertisement

चक्रधरपुर। सीसीए एक्ट से पिछले तीन माह से तड़ी पार का दंश झेल रहे झींकपानी जिला परिषद सदस्य, तथा झारखंड जेनरल कामगार यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने देश के महामहिम राष्ट्रपति, माननीय मुख्य न्यायाधीश नई दिल्ली, मुख्य न्यायधीश रांची, अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग राँची, अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग दिल्ली को पत्र लिखकर सीसीए से मुक्त कराने और उनके खिलाफ लगाए गए सभी मामलों की जांच करने की मांग किया है। जॉन मिरन मुंडा ने पत्र में लिखा है कि मैं मजदूर का बेटा हूं और एलएलबी तक पढ़ाई किया हू।

मैने नेलशन मंडेला, महात्मा गांधी और बिरसा मुंडा को आदर्श मानकर हमेशा देश के संविधान और लोकतंत्र को ताककर आंदोलन किया है। एसीसी कंपनी में वर्ष 2003 से मजदूर आंदोलन किया कंपनी कई बार पैसों का प्रलोभन दिया लेकिन जब कंपनी ने देखा कि इसको नही खरीद सकते हैं तो साजिश के तहत कई झूठा आरोप लगाकर जेल भेजा दिया।

उन्होंने कहा की उन्हें फोन से तरह तरह की धमकियां दी गई। जिस फोन से धमकी मिला उस नंबर पर झींकपानी थाना में एफआईआर भी वर्ष 2008 में किया लेकिन इसपर कोई करवाई नहीं हुआ। जिसका नतीजा आज मेरे ऊपर 27 झूठा केस दर्ज किया गया ओर उन्हे 11 बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने कहा की उनपर 4 बार सीसीए लगा कर तड़ीपार किया गया। मुझे लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक साजिश के तहत सीसीए एक्ट लगाकर तड़ीपार किया गया। मैने माननीय उच्च न्यायालय रांची में अपील किया और 2 साल सजा में बरी होकर उड़ीसा के क्योंझर से चुनाव लड़ा।

उन्होंने कहा की चुनाव में जनता ने 32 हजार वोट देकर उनके विचारों को समर्थन दिया। चुनाव के बाद उपायुक्त चाईबासा से कई बार सीसीए से मुक्त करने का आवेदन दिया लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जॉन मिरन मुंडा ने यह भी कहा कि मैं आदिवासी होने और टाटा, रूंगटा जैसे कंपनियों में मजदूरों पर हों रहे अत्याचार खियाफ और मजदूर हित में आंदोलन करने की सजा भुगत रहा हूं। उन्होंने कहा कि आज भी जिले के आदिवासी लकड़ी पत्ता बेचकर अपना जीवन जापान करने को मजबूर हैं।उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर कंपनियों के पैसो से राजनीति करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा है की सूबे के आदिवासी उनके खिलाफ हो रहे जुल्म के खिलाफ बंदूक उठाने पर मजबूर है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया हैं संविधान और लोकतंत्र को मानने वाला पर ही कार्यवाई किया जा रहा है। श्री मुंडा ने आगामी विधानसभा चुनाव में वह चाईबासा सदर से चुनाव लड़ने और पूरे झारखंड में 40 विधान सभा सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने का दावा किया है। उन्होंने पत्र के माध्यम से महामहिम और माननीयों से विनम्र निवेदन किया है कि उन्हें सीसीए से मुक्त कराया जाए और उनपर लगाए गए सभी मामलों की जांच किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button