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पूरी राउरकेला रथ यात्रा स्पेशल : चलती ट्रेन में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, ट्रेन में सफर कर रही दो महिलाओं ने अदम्य साहस दिखाकर ट्रेन में ही कराया गर्भवती महिला का प्रसव

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चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल के बड़ाबांबो और चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन में एक महिला का प्रसव होने की घटना इस क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। पीड़ित महिला अपने नवजात सहित तीन बच्चों के साथ चक्रधरपुर रेलवे मंडल अस्पताल में इलाजरत है। यह घटना सोमवार लगभग साढ़े सात बजे की है।

बड़ाबंबो में रहकर कूड़ा करकट चुनने का काम करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर भोला ठटेरा (26) की गर्भवती पत्नी शांति (20) को प्रसव पीड़ा होने के कारण उसे इलाज के लिए चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लाना था। पत्नी शांति को अस्पताल लाने के लिए भोला बडाबाम्बो रेलवे स्टेशन में अपने दो बच्चो के साथ ट्रेन के आने का इंतजार कर रहा था की इस बीच पूरी से राउरकेला जाने वाली रथयात्रा स्पेशल ट्रेन सिग्नल न मिलने के कारण बड़ाबांबो स्टेशन में खड़ी हो गई।

प्रसव पीड़ा से कहराती शांति को अस्पताल पहुंचाने के लिए आतुर भोला अपने दो बच्चो के साथ इस ट्रेन की बोगी में चढ़ गया। ट्रेन बड़ाबाबो से खुलने के बाद से ही शांति का प्रसव पीड़ा असहनीय होते देख ट्रेन की बोगी में सफर कर रही राउरकेला की दो महिलाएं अपना अदम्य साहस दिखाते हुए आगे आकर महिला का ट्रेन में ही प्रसव कराने का प्रयास किया । ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के द्वारा इसकी जानकारी चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के स्टेशन के मैनेजर मीरा सत्पथी, आरपीएफ थाना तथा रेलवे अस्पताल के सीएमएस को दी गई।

इसकी जानकारी मिलने के बाद ही स्टेशन मैनेजर के प्रयास से रथयात्रा स्पेशल ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर एक में लिया गया। महिला को स्टेशन से तत्काल अस्पताल लाने के लिए पहले से स्टेशन के बाहर खड़ी एंबुलेंस, अस्पताल की डॉ नंदिनी ,आरपीएफ की महिला कांस्टेबल तथा स्टेशन मैनेजर सत्पथी चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में रथयात्रा स्पेशल ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म नंबर एक में खड़ी हुई डा नंदिनी अपनी टीम के साथ ट्रेन की बोगी की ओर गई। तब तक शांति बच्चे को जन्म दे चुकी थी। डॉ नंदिनी ने स्टेशन में ही बच्चा जच्चा का इलाज शुरू कर दिया। ट्रेन में सफर कर रही महिलाएं भी डॉ नंदिनी का इलाज में सहयोग किया। लगभग आधे घंटे की इलाज के बाद बच्चा जच्चा को रेलवे अस्पताल पहुंचाया गया। वर्तमान शांति का इलाज चल रहा है।

इस संबंध में बातचीत करने पर मालूम हुआ की भोला मूल रूप से नेपाल का रहने वाला है। वह गरीबी के कारण बहुत पहले से ही काम की तलाश में टाटानगर नगर आ गया था। टाटानगर में कचरा चुनते चुनते वह गम्हरिया आ गया। गम्हारिया में रहने के दौरान वहां रहने वाली चांडिल के रसुनिया गांव की शांति से उसका प्यार हो गया और दोनो ने शादी कर ली। शादी के बाद शांति ने पहले से दो बेटियों को जन्म दे चुकी है।

सोमवार को चलती ट्रेन में उसने एक पुत्र के रूप में तीसरा बच्चा को जन्म दिया। स्टेशन में बच्चे की किलकारी गूंजते ही रथ यात्रा स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने जय जगन्नाथ के जमकर नारे लगाए। इस संबंध में डा नंदिनी से बातचीत करने पर उन्होंने कहा की वर्तमान बच्चा जच्चा दोनो स्वस्थ है। जल्द ही उन्हें रिलीज कर दिया जाएगा।इस घटना के कारण ट्रेन चक्रधरपुर स्टेशन में लगभग 35 मिनट तक रुकी रही।

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