छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा की मांग, संघ ने बजट में शामिल करने की अपील

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल कैशलेस कर्मचारी कल्याण संघ ने आगामी 3 मार्च को पेश किए जाने वाले राज्य बजट में राज्य कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके परिवारों के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा को शामिल करने की मांग की है। संघ का कहना है कि इस सुविधा से कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलेगी और उन्हें इलाज के लिए आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संघ की मांग: कैशलेस इलाज की सुविधा मिले
संघ के प्रांतीय संयोजक पीयूष कुमार गुप्ता ने कहा कि संगठन लंबे समय से ज्ञापन, पोस्टकार्ड अभियान और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक यह मांग पहुंचा रहा है कि राज्य के कर्मचारियों को मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटलों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिले।
संघ का तर्क है कि SECL, भिलाई स्टील प्लांट जैसे संस्थानों के कर्मचारियों को यह सुविधा दी जाती है, तो छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। वर्तमान में मेडिकल प्रतिपूर्ति योजना जटिल और धीमी प्रक्रिया है, जिसमें इलाज का 60% ही प्रतिपूर्ति होती है, और वह भी महीनों की प्रक्रिया के बाद।
कर्मचारियों पर बढ़ता वित्तीय बोझ
संघ ने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया कि मंहगाई के इस दौर में इलाज बेहद महंगा हो चुका है। कई बार कर्मचारियों को इलाज के लिए अपनी जमा पूंजी, बच्चों की पढ़ाई के लिए बचाई गई राशि, यहां तक कि जमीन तक बेचनी पड़ जाती है। कई कर्मचारी कर्ज लेने को मजबूर होते हैं, जिससे वे मानसिक और आर्थिक रूप से टूट जाते हैं।
संघ ने यह भी कहा कि यदि कोई कर्मचारी मेडिकल अवकाश पर रहता है तो उसे वेतन भी नहीं मिलता, जिससे उसकी स्थिति और दयनीय हो जाती है।
राज्य पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा
संघ ने स्पष्ट किया कि यदि राज्य सरकार कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू करती है, तो इससे सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। बल्कि, वर्तमान में दी जाने वाली चिकित्सा प्रतिपूर्ति राशि बच सकेगी, और कर्मचारियों को त्वरित एवं सहज चिकित्सा सुविधा मिलेगी। इससे सरकार और कर्मचारियों के बीच संबंध भी मजबूत होंगे।
ट्रिपल इंजन सरकार से उम्मीद
संघ ने उम्मीद जताई कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में ट्रिपल इंजन सरकार काम कर रही है और मोदी गारंटी के तहत महिला, किसान और अन्य संवर्गों के लिए लाभकारी योजनाएं लागू की जा रही हैं। ऐसे में कर्मचारियों की यह मांग भी सरकार को बजट में शामिल करनी चाहिए।
संघ ने सरकार से अनुरोध किया कि राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए मेडिकल कैशलेस सुविधा का प्रावधान जल्द किया जाए, ताकि वे बिना आर्थिक बोझ के अपना और अपने परिवार का इलाज करवा सकें।