बिना ट्रायल के बन रहा ड्राइविंग लाइसेंस, 3500 – 4000 में ‘चाबी’ मौत की? रायगढ़ RTO AGENT का खुलेआम खेल

पैसे दो लाइसेंस लो – ड्राइविंग आती है या नहीं, किसे फर्क पड़ता है
रायगढ़ : ये हाल है रायगढ़ RTO का, जहां ड्राइविंग लाइसेंस अब ट्रायल से नहीं, ‘एजेंट टच’ से बन रहा है। सूत्र ~ महज 3’500 – 4’000 रुपये में लाइसेंस तैयार – न ट्रायल, न लाइन, न नियम। सूत्रों की मानें तो यहां कुछ चुनिंदा RTO एजेंट बिना किसी जांच या टेस्ट के लाइसेंस बनवा रहे हैं।
सरकारी फीस जहां लकभग 1000-1500 रुपये के बीच है, वहीं जनता से वसूले जा रहे हैं तीन-चार गुना पैसे। सवाल सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं है – ये सीधा-सीधा जनता की जान से खेलने जैसा है।
कैसे हो रहा ये खेल
अंदरखाने की सेटिंग, RTO की चुप्पी और एजेंटों की बल्ले-बल्ले। आम आदमी महीनों लाइन में लगे, लेकिन एजेंटों के क्लाइंट को सीधे ‘पासपोर्ट साइज फोटो दो, लाइसेंस लो’ की स्कीम चल रही है।
क्या यही वजह है सड़क हादसों की
बिना टेस्ट, बिना ट्रेनिंग – ये लाइसेंसधारी सड़क पर सिर्फ ड्राइव नहीं, खतरा बनकर निकलते हैं। हर साल बढ़ते एक्सीडेंट्स के पीछे ऐसे ही फर्ज़ी तरीकों से बने लाइसेंस हैं, जिन पर कोई सवाल नहीं पूछता।
प्रशासन क्यों चुप है
क्या जिला कलेक्टर इस खबर पर संज्ञान लेकर करेंगे कार्यवाही? या फिर एजेंटों की बल्ले बल्ले?
– कब होगी जांच?
– कब टूटेगा RTO-एजेंट गठजोड़?
– और क्या गलत तरीके से बने लाइसेंस होंगे रद्द?