कर्तव्य पर लापरवाही के कारण वन क्षेत्र पाल से मांगा स्पष्टीकरण, वनपाल एवं वनरक्षक हुआ निलंबित
कोरिया 12 नवम्बर 2024/सरगुजा वनवृत्त अंबिकापुर के मुख्य वन संरक्षक द्वारा कोरिया वनमण्डल बैकुण्ठपुर के परिक्षेत्राधिकारी सोनहत के वन क्षेत्रपाल श्री विनय कुमार सिंह से क्षेत्र में टाईगर मृत्यु के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। मुख्य वन संरक्षक अंबिकापुर ने बताया कि वनमण्डलाधिकारी, कोरिया वनमण्डल, बैकुन्ठपुर अंतर्गत परिक्षेत्र सोनहत के बीट गरनई, कक्ष कमांक पी 196 वनभूमि कुदरी में खनखोपड़ नाला के किनारे 01 टाईगर मृत्यु (उम्र लगभग 4-5 वर्ष) की सूचना मिली थी। सूचना प्राप्त होते ही वनमण्डलाधिकारी, कोरिया वनमण्डल, बैकुन्ठपुर और संचालक गुरु घासीदास रा. उद्यान बैकुन्ठपुर के साथ मौके पर पहुंचीं। 01 नर टाईगर खनखोपड नाला के किनारे मृत अवस्था में पाया गया। पोस्टमार्टम के दौरान पशु चिकित्सक के द्वारा प्राथमिक जांच में शव 4-5 दिन पुराना होना बताया गया है। उक्त टीम के अभिमत अनुसार बाघ की मृत्यु का कारण जहरखुरानी संभावित है।
इस संबंध में स्पष्टीकरण का प्रतिउत्तर पत्र प्राप्ति के 03 दिवस के भीतर वन संरक्षक कोरिया वन मण्डल बैकुण्ठपुर के कार्यालय को प्रेषित करने कहा है प्रतिउत्तर समय पर प्राप्त नहीं होने और संतोषजनक नहीं होने पर एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
वहीं कोरिया वनमण्डल बैकुण्ठपुर अंतर्गत परिक्षेत्र सोनहत के रामगढ़, सर्किल, बीट गरनई, क से लगे हुये असीमांकित वनभूमि कुदरी में खनखापेड नाला के किनारे 01 टाईगर मृत्यु (उम्र लगभग 4-5 वर्ष) की सूचना प्राप्त हुई है, जिससे प्रतीत होता है कि श्री रमन प्रताप सिंह, वनपाल परिक्षेत्र रामगढ़ एवं श्री पिताम्बर लाल राजवाड़ें, वनरक्षक बीट प्रभारी गरनई के द्वारा वनक्षेत्र में बाघ होने के बावजूद भी नियमित रूप से वनक्षेत्र का भ्रमण नहीं किया गया, जो शासकीय कर्तव्यों के प्रति इनकी घोर लापरवाही एवं उदासनीता प्रदर्शित करता है।
इस तरह श्री रमन प्रताप सिंह वन पाल एवं श्री पिताम्बर लाल राजवाड़े, वनरक्षक को अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन में उदासीनता एवं घोर लापरवाही बरते जाने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन/कदाचरण पाये जाने के कारण प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत नियम 9 (1)(क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनकी मुख्यालय, बैकुण्ठपुर वनमण्डल कोरिया निर्धारित किया गया है।