छत्तीसगढ़

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण मामले में प्रशासन की सख्ती के बाद दबंगों में मचा हड़कंप

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दबंगो के राजनीतिक रसूख के आगे कहीं राजस्व विभाग की जांच की आंच ना पड़ ठंडी

रायगढ़ पुसौर – ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा और आश्रित ग्राम सराईपाली में 99 एकड़ शासकीय भूमि पर दबंगो द्वारा अतिक्रमण की गंभीर शिकायत पर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। नायब तहसीलदार पुसौर द्वारा प्रकरण दर्ज करने और अतिक्रमण के आरोपियों को नोटिस जारी किए जाने के बाद, अब राजस्व निरीक्षक (आरआई) और हल्का पटवारी ने राजस्व रिकॉर्ड का अवलोकन और मौका निरीक्षण शुरू कर दिया है। प्रशासन की इस सख्ती से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया है, जबकि ग्रामीणों को न्याय की उम्मीद बंधी है।

ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा और सराईपाली में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत पूर्व में 22/01/2024 को जिला कलेक्टर से की गई थी लेकिन दस माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद पुनः 19 /11/2024 को भारी संख्या में ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर युक्त शिकायत पुसौर तहसील में दर्ज कराया था

लेकिन इस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद 31/12/2024 को तहसील न्यायालय पुसौर में पुनः विधिवत भू.रा.सं. की धारा 248 के तहत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है जिस पर दिनांक 07/01/2025 को नायब तहसीलदार पुसौर ने प्रकरण दर्ज करने, अनावेदको के विरुद्ध नोटिस तालीम कर , काम रोको आदेश जारी करते हुए हल्का पटवारी से स्पष्ट प्रतिवेदन के साथ पी- 23 रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को आदेशित किया गया है।

जांच प्रक्रिया में संदिग्ध खसरों की गहन पड़ताल
सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने संबंधित खसरा नंबरों (200/1, 213/1, 213/3, 275/1, 279/1, 290, 399/2, 231/1 और 11/1) की गहन जांच शुरू कर दी है। राजस्व विभाग की प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि विभिन्न खसरों में रकबा लगभग 18 से 19 हे0 शासकीय भूमि है, जिसमें इन शासकीय भू- खंडों पर कुछ दबंग व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा कर निजी निर्माण और खेती कर रहे हैं। राजस्व विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट जांच रिपोर्ट को जल्द से जल्द सौंपने के निर्देश दिए हैं।

दबंगों की बढ़ी मुश्किलें, जल्द होगी कानूनी कार्रवाई
सूत्रों की मानें तो प्रशासन अब अतिक्रमणकारियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा गया है। यदि निर्धारित समय में जवाब नहीं मिला तो प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के साथ-साथ जुर्माने की कानूनी कार्रवाई भी करेगा। सूत्रो ने बताया कि प्रकरण दर्ज होने और खबरों की सुर्खियों में आने के बाद शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है तथा सरपंच द्वारा तालाब पाटकर बनाए होटल को अन्य जगह पर स्थापित कर लिया है।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

न्याय की उम्मीद और समर्थन ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से दबंगों द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा कर तालाब, गौचर और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों का दोहन किया जा रहा था। अब प्रशासन की सख्ती से उम्मीद जगी है कि जल्द ही यह भूमि सार्वजनिक हित के लिए मुक्त कराई जाएगी। ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी शासकीय संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने का साहस न कर सके।

क्या होगी निष्पक्ष कार्रवाई
बहरहाल दबंगों के राजनीतिक रसूख और प्रशासन की सख्ती के बीच अब यह देखना लाजिमी होगा कि प्रशासन निष्पक्षता के साथ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराता है या दबंगों के पद प्रभाव के आगे प्रशासन के जांच की आंच कहीं ठंडी न पड़ जाये?

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