
गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर, हम अपने देश की सच्ची ताकत को महसूस करते हैं। लेकिन क्या हम अपने गणतंत्र का सही मायनों में उत्सव मना पाए हैं? हमारा सपना तब पूरा होगा, जब:
- हमारे महान लोकतांत्रिक देश की सत्ता पर पूंजीपतियों का नहीं, बल्कि मेहनतकश मजदूरों और किसानों का प्रभाव होगा। देश की योजनाएं केवल धनवानों के लिए नहीं, बल्कि आम जनों की भलाई के लिए बनाई जाएंगी।
- हमारे नेताओं में महात्मा गांधी जी जैसी सहनशीलता, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जैसा ज्ञान और पं नेहरू तथा शास्त्री जी जैसा समर्पण भाव होगा।
- देश की व्यवस्था अवसरवाद, भ्रष्टाचार, शोषण, दमन और भेदभाव से मुक्त होगी। हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिलेगा।
- हमारे देश की बेटियों को बिना किसी भेदभाव या भय के शिक्षा प्राप्त करने और आगे बढ़ने का समान अवसर मिलेगा।
- देशभक्ति सिर्फ हमारे बहादुर सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की साझा जिम्मेदारी होगी।
- हमारी पहचान जाति, धर्म, राजनीति या पार्टी से नहीं, बल्कि सिर्फ भारतीयता से होगी।
- सभी देशवासियों को रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पानी और जीवन रक्षक औषधियां मुफ्त में मिलेंगी।
- देश के थानों में कोई भी रिश्वतखोर, गुंडा, माफिया या भ्रष्ट नेता नहीं, बल्कि ईमानदार अधिकारी संवैधानिक तरीके से कार्य करेंगे।
- देशभक्त सैनिक/जवान और किसान, जिन्होंने अपने खून-पसीने से हमारी सुरक्षा और भरण-पोषण किया है, उन्हें उचित सम्मान मिलेगा।
- पत्रकार जो प्रशासनिक अव्यवस्थाओं पर लिखता है, उसे किसी षडयंत्र का शिकार नहीं होना पड़ेगा। उसे न तो जेल भेजा जाएगा और न ही माफिया के हाथों मारा जाएगा।
- राष्ट्रपर्व पर लाल किले और राजपथ पर तिरंगा कोई कपटी नेता नहीं, बल्कि एक मेहनतकश आम आदमी फहराएगा।
हम सब मिलकर इस दिशा में प्रयास करें, ताकि हमारा गणतंत्र सच्चे अर्थों में पूंजीपतियों और भ्रष्ट नेताओं के हाथों से मुक्त हो और अपने वास्तविक उद्देश्य की ओर अग्रसर हो।
आप सभी को 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जय जवान, जय किसान, जय संविधान
नितिन सिन्हा
सम्पादक
ख़बर सार