छत्तीसगढ़

विधानसभा में भावना बोहरा ने बैगा आदिवासी किसानों के हित में उठाए सवाल

रायपुर । पंडरिया विधानसभा की विधायक भावना बोहरा ने बैगा आदिवासी किसानों की सिंचाई और कृषि समस्याओं को विधानसभा में जोर-शोर से उठाया। उन्होंने जल संकट के कारण किसानों को हो रही कठिनाइयों पर सरकार से जवाब मांगा और नलकूप खनन में हुई अनियमितताओं की जांच की मांग की।

सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराने की मांग
भावना बोहरा ने सदन में पूछा कि 2019 से 2024 तक कबीरधाम जिले में बैगा आदिवासी किसानों के लिए कितने ट्यूबवेल खनन किए गए और क्या इन कार्यों में किसी तरह की अनियमितता हुई? इसके जवाब में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 2021 से 2024 तक किसी भी बैगा हितग्राही के खेत में नलकूप खनन नहीं किया गया और न ही किसी तरह की अनियमितता की शिकायत मिली है।

भावना बोहरा ने इस जवाब पर असंतोष जताते हुए कहा कि 2019 में 93 नलकूप खनन की स्वीकृति दी गई थी, जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। उन्होंने बताया कि 94,000 रुपये प्रति नलकूप की दर से भुगतान किया गया, लेकिन उसमें जीआई पाइप की जगह प्लास्टिक पाइप लगाया गया। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की।

आदिवासी संस्कृति और किसान योजनाओं पर सवाल
भावना बोहरा ने सरकार से यह भी पूछा कि आदिवासी संस्कृति और लोक कला के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब में बताया कि राज्य में आदिवासी सांस्कृतिक दल सहायता योजना, देवगुड़ी निर्माण योजना, शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति महोत्सव जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

इसके अलावा, भावना बोहरा ने किसानों के लिए शाकंभरी योजना, किसान समृद्धि योजना और राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत प्रशिक्षण और उपकरण वितरण से जुड़ा सवाल किया। जवाब में बताया गया कि दिसंबर 2023 से फरवरी 2025 तक 180 प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर 5.54 लाख रुपये खर्च किए गए और कृषि यंत्रों के वितरण में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत सहायता दी गई।

भावना बोहरा की सरकार से मांग
विधायक भावना बोहरा ने सरकार से बैगा आदिवासी किसानों के लिए सिंचाई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने, नलकूप खनन में हुई गड़बड़ियों की जांच कराने और कृषि योजनाओं में पारदर्शिता लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आदिवासी किसानों को केवल वर्षा जल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और उन्हें सिंचाई के लिए स्थायी समाधान मिलना चाहिए।

 

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