छाल – भारत में शिक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले हजारों उदाहरण देखने को मिलते हैं । ऐसे ही रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकास खण्ड के छाल से लगे ग्रामपंचायत बोजिया के आश्रित मोहल्ला चितापाली के बालक दास महंत गुरुजी भी है । जिन्होंने अपने जीवन का लगभग 44वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में गुरुजी के रुप में छाल क्षेत्र में अपनी सेवा दी |
गुरुजी का जन्म 02 मई 1939 को हुआ था । पढ़ाई के बाद महज 21 वर्ष में शिक्षक बन छाल के प्राथमिक शाला में 35 वर्ष तक सेवा दी। जिसके बाद प्रधान पाठक बन कर नावापारा गए और सन 2001 में सेवानिवृत हुए | अपने जीवन के अन्तिम पड़ाव में परिवार के साथ रहते हुए। बालक दास महंत गुरुजी ने 3 जुलाई 2024 को अपने निवास चितापली में अन्तिम सांस ली । अपने पीछे गुरुजी ने 5 पुत्र और भरा पूरा परिवार को रोता विलखता छोड़ गए । जिससे परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर है । गुरुजी बालक दास महंत को समाज और क्षेत्र के लोगों ने नम आंखों से विदाई दी ।