
बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में विकास के दावों की असलियत एक बार फिर उजागर हुई है। कुसमी विकासखंड के ग्राम इदरीकला बस्ती में एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए परिजनों को झेलंगी (कपड़े से बनी डोली) का सहारा लेना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि परिजन गर्भवती महिला को झेलंगी में बैठाकर खेतों तक पहुंची 108 एंबुलेंस तक ले जा रहे हैं। यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि आज भी इस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।
संकट के समय असुविधा बनी बाधा
गर्भवती महिला सुगंती कोडाकू को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हुई। स्थिति गंभीर होते देख परिजनों ने मितानिन की मदद से 108 एंबुलेंस सेवा को बुलाया, लेकिन गांव तक सड़क न होने के कारण एंबुलेंस केवल खेतों तक ही पहुंच पाई। ऐसे में परिजनों को मजबूरन महिला को झेलंगी में बैठाकर एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा।
विकास के दावों की पोल खोलता मामला
यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि गरीब और दूरस्थ बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। विकास के नाम पर केवल कागजी दावे किए जा रहे हैं, जबकि हकीकत कुछ और ही है। बस्ती में सड़क नहीं होने से न केवल गर्भवती महिला को इस तरह की परेशानी झेलनी पड़ी, बल्कि यहां के निवासी वर्षों से स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
फिलहाल महिला का इलाज जारी
काफी मशक्कत के बाद गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया और जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती कराया गया। फिलहाल महिला का इलाज जारी है। यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि दूरस्थ इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।





