छत्तीसगढ़रायगढ़

प्रदेश के केबिनेट मंत्री के गृह क्षेत्र में रेत माफिया के खिलाफ आखिर क्यों नही होती कार्यवाही..? अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में किस किस का संरक्षण ..! ग्राम पंचायत सरपंच भी लेता है प्रति वाहन 100रु ..!

Advertisement
Advertisement

रायगढ़ । प्रदेश में सत्ता परिर्वतन के बाद भी भू-माफिया और रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि शासकीय जमीनों की खरीदी बिक्री की बात हो या जिले से प्रवाहित होने वाली नदियों में हो रहे अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की बात हो। ऐसे माफियाओं पर कार्यवाही नहीं होना राजनीतिक संरक्षण मिलना प्रतीत होता है।

रायगढ़ जिले में ग्राम रानीमुडा में लंबे समय से अवैध रेत खनन जारी है। दरअसल मंत्री ने दिया था बयान जिसपर कहा गया था रेत खनन पर फिलहाल रोक लगाया गया है। परंतु मौके पर जाने से पता चला इस गांव में रेत खनन खुले आम चल रहा है। जहां माफियाओं के तकरीबन 70 से 80 ट्रैक्टर मौके से रेत परिवाहन करते नजर आए।

जिसको लेकर जब मीडिया कर्मी खनिज अधिकारी से बात करनी चाही तब अधिकारी ने साफ साफ इंकार कर दिया की मैं इस मामले में बाइट नही दूंगा कह कर घुमा दिया गया उसके बाद मीडिया कर्मी ने खनिज इंस्पेक्टर को भी फोन लगाया गया तो उनके द्वारा भी यह कह कर टाल दिया गया, कि मेरे पास अभी टीम नही है। टीम है भी तो सिर्फ एक है और मैं अभी कार्यवाही नही करूंगा।करूंगा तो भी 3 से 4 दिन बाद। खनिज अधिकारी राजेश मलवे का ऐसा कहना आखिर सवालों संदेहास्पद है । आख़िर विभाग के अधिकारी क्यों मीडिया से बात करने या स्वालों के जवाब देने से कतराते हैं ..!

मीडिया की टीम जब मौके पर तो दिखा एक अलग ही नजारा जहा खड़े थे कई माफिया जिसमें पहले कहा गया की रेत जा रहा है प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पर जब हमने पेपर मांगा तब माफिया ने कहा कि छोड़ो न आपस में बना लेते है। जब सरपंच एक लड़के को बैठा कर हमसे एक ट्रिप का 100 रु लेता है तो आप भी कुछ खर्चा ले लीजिए।

सरपंच के उपर लगे आरोप पर जब मीडिया कर्मी ने बात की तो पहले सरपंच ने कहा मेरे उपर लगे आरोप सब झूठे है, मैं नही ले रहा हु पैसा और मेरे गांव के निवासी आज कलेक्टर को इस मामले के संबंधित दिए है ज्ञापन। जिसको लेकर हमने जब ज्ञापन देने का वक्त पूछा और कहा पर दिया गया जैसा सवाल पूछा तब सरपंच के छुटने लगा पसीने। जिसके बाद हमने यह भी पूछा कौन कौन गया था तब सरपंच ने बताया मुझे पूछना पड़ेगा फिर जब हमने सवाल पूछा तब फिर सरपंच के छुटने लगे पसीने फिर जवाब में कहा गया हो सकता है गए हो और यह भी हो सकता है नही भी गए हो।

स्पेशल सूत्र के द्वारा यह भी जानकारी दिया गया यहां प्रति दिन 100 से अधिक ट्रैक्टर लगते है। सरपंच पैसा लेता है और खनन करने की अनुमति देदे या है। जब की यह मंत्री जी का छेत्र पड़ता है उसके बाद ही कार्यवाही तो दूर की बाद यह खनिज विभाग झांकने भी नही आता है। कहीं सरपंच के साथ खनिज विभाग के अधिकारी का भी पैसे का साठ गांठ तो नही?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button