रायपुर में महिलाओं ने भी कटवाए बाल, सहायक शिक्षक बोले- न्याय मांग रहे, दया नहीं
रायपुर में हड़ताल के नौंवे दिन शुक्रवार को माना तूता धरनास्थल पर शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन कराया।
छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। नौंवे दिन शुक्रवार को माना तूता धरनास्थल पर सामूहिक मुंडन कराया गया। बीएड सहायक शिक्षक सरकार से समायोजन (एडजस्टमेंट) की मांग कर रहे हैं।
इस आंदोलन में पुरुष शिक्षकों के साथ-साथ महिला टीचर्स ने अपने बाल कटवाए। उन्होंने कहा कि हम न्याय मांग रहे हैं, दया नहीं। दरअसल, हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है।
सामूहिक मुंडन के दौरान महिलाओं ने भी अपने बाल कटवाएं।
यात्रा से लेकर सामूहिक मुंडन तक
बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की थी। रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया।
शर्तों का पालन किया, लेकिन हमारा भविष्य खतरे में
एक महिला टीचर ने कहा है कि हमने सरकार की शर्तों का पालन कर बीएड की पढ़ाई पूरी की, पात्रता परीक्षा पास की और बच्चों को शिक्षा देने का काम शुरू किया। अब हमारी योग्यता को ही अमान्य ठहराया जा रहा है। क्या शिक्षकों का भविष्य इस तरह असुरक्षित रहेगा? हमारा भविष्य सुरक्षित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
शुक्रवार को माना तूता धरना स्थल में सहायक शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन करवाया है।
साय सरकार कर रही अन्याय- दीपक बैज
इस पूरे मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है। भले ही इन शिक्षकों की नौकरी पर संकट तकनीकी रूप से अदालती फैसले के कारण आया है, लेकिन सरकार चाहे तो इस समस्या का तत्काल निराकरण कर सकती है।
सरकार के पास शिक्षा विभाग में ही अनेकों ऐसे पद है, जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। वर्तमान शिक्षा विभाग में ही 70 हजार पद रिक्त है। 33 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी सरकार ने रोक रखी हैं। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है।