जिला स्तरीय कृषि यंत्र मेला का उद्घाटन
सुंदरगढ़ : स्थानीय माद्री कालो भवन मैदान में आज जिला स्तरीय कृषि मशीनरी मेले का उद्घाटन किया गया। जिला परिषद अध्यक्ष सुश्री कुंती प्रधान, सुंदरगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष सुश्री तानिया मिश्रा, जिला कलेक्टर श्री मनोज महाजन, अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री रवि नारायण साहू, जिला परिषद के मुख्य विकास अधिकारी और कार्यकारी अधिकारी श्री सुरंजन साहू, जिला मुख्य कृषि अधिकारी श्री हरिहर नाइक, कृषि कार्यपालक श्री परमानंद प्रधान मेजर शामिल हुए।
कार्यक्रम में जिला मुख्य कृषि अधिकारी श्री हरिहर नायक ने कार्यक्रम का दृष्टिकोण एवं उद्देश्य प्रस्तुत किये
उन्होंने मशीनीकरण की आवश्यकता के बारे में बताया कि कैसे आधुनिक कृषि मशीनरी के उपयोग से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आएगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस अवकाश के दौरान जिला कलक्टर श्री मनोज महाजन ने कृषि एवं संबंधित विभागों की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि किसानों के सशक्तिकरण के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं, साथ ही आजीविका के लिए सरकार के कई कार्यक्रम भी हैं, इन योजनाओं और कार्यक्रमों से किसान लाभान्वित हो सकते हैं और उनकी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का उपयोग कर किसानों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, किसान मित्रों के साथ कैसे सहयोग किया जाए, सरकार की सभी योजनाओं से जुड़कर किसान कैसे अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं, इस पर जोर दिया गया। इसी प्रकार अतिथियों ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस नवीनतम कृषि यंत्र के उपयोग से किसान का समय, श्रम एवं धन बर्बाद नहीं होगा तथा उसकी आय दोगुनी करने में सहायता मिलेगी।
कृषि और किसानों के विकास के लिए आयोजित यह मेला 5 दिनों तक चलेगा. यहां कृषि एवं संबद्ध विभागों द्वारा विभिन्न स्टॉल लगाये गये हैं. अतिथियों ने मेले में लगे सभी स्टालों का भ्रमण किया तथा विभिन्न कृषि यंत्रों के उपयोग एवं प्रबंधन को भी देखा। इसके साथ ही दीदी ने ड्रोन के जरिए खेती में उर्वरकों के प्रयोग को भी देखा. मेले में विभिन्न उन्नत कृषि मशीनरी जैसे ट्रैक्टर, घास बीनने वाले, साइकिल से घास बीनने वाले, धान साफ करने वाले यंत्र, लोहे के हल, विभिन्न बीज कूटने की मशीनें, धान की कटाई और सफाई करने वाली मशीनें, धान साफ करने वाली मशीनें आदि मौजूद हैं।
इस सेवानिवृत्ति के दौरान कृषि और संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने वाले किसानों को पदोन्नति दी गई। इसी प्रकार विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।