झारखंड

कृष्ण भक्ति से ही प्राप्त होती है वास्तविक सुख- बहुरुप जगन्नाथ दास

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चक्रधरपुर इस्कॉन केंद्र में भागवत गीता पाठ और प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए मायापुर इस्कॉन प्रचार वाहन प्रमुख बहुरुप जगन्नाथ दास

चक्रधरपुर। कृष्ण भक्ति से प्राप्त होती है मनुष्य को वास्तविक सुख। जीवन में वास्तविक सुख की प्राप्ति के लिए कृष्ण भक्ति ही एक माध्यम है। यह बात रविवार को चक्रधरपुर रेलवे एकाउंट्स कालोनी(जी 159/1) परिसर स्थित श्री श्री हरे संकीर्तन प्रचार समिति (इस्कॉन) केंद्र में भागवत कथा वाचन और प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर कथावाचक मायापुर धाम(इस्कॉन) केंद्र के संकीर्तन विभाग प्रचार वाहन प्रमुख बहुरुप जगन्नाथ दास ने कहा। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के वाचन और श्रवण कर विश्रृंखलित समाज को नष्ट किया जा सकता है और एक सभ्य समाज की स्थापना की जा सकती है।

उन्होंने आज भागवत गीता और भागवतम के औचित्य को बताते हुए कहा कि भागवत गीता श्रवण से मनुष्य को विष्णु लोक में जगह मिलता है। उन्होंने भागवत गीता के 9वें अध्याय के श्लोक 2 का विशलेषण और समीक्षात्मक वाचन किया और लोगों को नियमित भागतगीता पाठ करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कृष्णभक्ति हमारे जीवन में क्यों जरुरी है। कृष्ण भक्ति कैसे की जा सकती है। भक्ति के आयामों के बारे में बताया है।

रविवार को इस्कान केंद्र में भागवत गीता पाठ और प्रशिक्षण को लेकर शनिवार शाम को ही मायापुर से इस्कॉन का भागवत गीता प्रचार वाहन्े चक्रधरपुर पहंुच गया था। इस वाहन में प्रचार प्रमुख बहुरुप जगन्नाथ दास, अमीय विलास दास, भक्ति अभिजीत, ऋषिकेश दास, श्रीकृष्ण गोविंद दास, सुस्वादु सुखदेव दास सहित अन्य लोग शामिल थे जो चक्रधरपुर इस्कान केंद्र के कार्यक्रम में शामिल हुए। आज कुछ नए आगंतुक भक्तों को गीता पाठ प्रशिक्षण और हरेकृष्ण नाम माला जाप करना सिखाया गया।

चक्रधरपुर इस्कॉन केंद्र के संचालक प्रकाश प्रभु, मनोजीत भट्टाचार्य ने भी उपस्थित लोगों को भागवत गीता पाठ का प्रशिक्षण प्रदान किया। इस अवसर पर अन्यों में श्रीनिवास ,संजय ,आकाश, मनोज,अन्नापूर्णा माता, हेमलता, पार्वती, दमयंती माता, इसिका आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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