छत्तीसगढ़

फीकल स्लज एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर संभाग स्तरीय प्रशिक्षण

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पर्यावरण संरक्षण, जल स्रोतों के प्रदूषण रोकथाम और स्वास्थ्य सुरक्षा पर हुई समीक्षा

अम्बिकापुर, 13 दिसम्बर 2025/ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत ODF Plus स्थिरता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (PWM) एवं फीकल स्लज मैनेजमेंट (FSM) विषय पर एक दिवसीय संभाग स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर श्री विलास भोसकर के मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण में संभाग के सभी जिलों से FSM व PWM से जुड़ी ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिव, स्वच्छाग्राही समूह के अध्यक्ष/सचिव, साथ ही मिशन के जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. रूपेश राठौर एवं श्री पुरुषोत्तम पण्डा (राज्य सलाहकार) द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से फीकल स्लज प्रबंधन की संपूर्ण प्रक्रिया—संग्रह, परिवहन, उपचार एवं सुरक्षित निस्तारण, डिस्लजिंग की चरणबद्ध प्रक्रिया, FSTP (ड्राइंग बेड) का वैज्ञानिक संचालन, सुरक्षा उपाय, रिकॉर्ड प्रबंधन एवं निगरानी तंत्र पर विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण में बताया गया कि व्यवस्थित FSM प्रणाली से पर्यावरण संरक्षण, जल स्रोतों के प्रदूषण की रोकथाम, स्वास्थ्य सुरक्षा तथा ODF Plus स्थिति की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होती है। साथ ही ग्राम पंचायतों की प्रमुख भूमिका—यूजर शुल्क संग्रह, डिस्लजिंग वाहन की नियमित निगरानी, सुरक्षित निस्तारण का सत्यापन एवं समुदाय में जागरूकता पर विशेष जोर दिया गया।

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर PWM एवं FSM के योजनाबद्ध, सुरक्षित एवं गुणवत्ता आधारित क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, तकनीकी दक्षता, सामुदायिक सहभागिता और सतत निगरानी के माध्यम से ही स्वच्छता को स्थायी बनाया जा सकता है।

प्रशिक्षण में यह भी जोड़ा गया कि ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं फीकल स्लज प्रबंधन को विशेष प्राथमिकता देते हुए कार्य किए जाएं। राज्य सलाहकारों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा इन गतिविधियों को बिजनेस मॉडल के रूप में विकसित करने, राजस्व सृजन, लागत वसूली, तथा संधारणीय संचालन पर केंद्रित प्रशिक्षण दिया गया, ताकि पंचायतें आत्मनिर्भर बन सकें और सेवाओं की निरंतरता बनी रहे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन सहभागियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं फीकल स्लज मैनेजमेंट को प्रभावी रूप से लागू करने के संकल्प के साथ हुआ।

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